जागृत भारत | गोरखपुर(Gorakhpur): औद्योगिक क्षेत्र गीडा में शुक्रवार तड़के लगी आग ने पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया। सेक्टर 15 स्थित रूंगटा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड की ब्रान ऑयल फैक्ट्री में अचानक भड़की आग ने कुछ ही मिनटों में विशाल रूप ले लिया। केमिकल पाइपलाइन में लगी यह आग इतनी खतरनाक थी कि चौदह घंटे बाद भी इसे पूरी तरह काबू नहीं किया जा सका। आसमान में छाए धुएं के घने गुबार ने दूर-दूर तक लोगों को भयभीत किया, जबकि प्रशासन और दमकल विभाग आग से उबरने के प्रयासों में लगातार लगे रहे।
भोर के समय तेज धमाके के साथ शुरू हुआ हादसा
शुक्रवार सुबह लगभग चार बजे फैक्ट्री परिसर में अचानक धमाके जैसी जोरदार आवाज सुनाई दी। इस आवाज के तुरंत बाद केमिकल पाइपलाइन के ऊपर और नीचे से आग की लंबी लपटें उठने लगीं। आग ने इतने कम समय में इतना बड़ा विकराल रूप धारण कर लिया कि फैक्ट्री कर्मियों को संभलने का समय ही नहीं मिला। फैक्ट्री के अंदर मौजूद फायर सेफ्टी सिस्टम को सक्रिय किया गया, लेकिन आग ने इतनी तेजी पकड़ी कि पूरा सिस्टम ध्वस्त हो गया। पाइपलाइन के भीतर मौजूद ज्वलनशील केमिकल, गर्मी और प्रेशर ने आग को और अधिक भड़काने का काम किया। जब तक स्थानीय दमकल टीमें पहुंचीं, आग फैक्ट्री के कई हिस्सों को अपनी चपेट में ले चुकी थी।
दमकल विभाग की थकानरहित जद्दोजहद, कई जिलों से पहुंची मदद
स्थानीय दमकल वाहनों के लिए स्थिति संभालना मुश्किल हो गया। आग की भीषणता को देखते हुए देवरिया, बस्ती, आज़मगढ़, संतकबीरनगर और देवीपाटन रेंज से फायर टेंडर बुलाए गए। इंडियन ऑयल और एचपी गैस प्लांट की दमकल इकाइयों को भी तुरंत तैनात किया गया। कुल मिलाकर लगभग 200 दमकल गाड़ियां लगातार आग बुझाने में लगी रहीं। पाइपलाइन का तापमान कम करने के लिए वाटर जेट का उपयोग लगातार जारी है। इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों ने स्थिति को देखते हुए आग रोकथाम की रणनीति भी बनाई, ताकि आग स्टोरेज टैंक तक न पहुंचे।
मुख्य स्टोरेज टैंक तक आग पहुंचने का खतरा, विस्फोट की आशंका बढ़ी
सबसे बड़ी चिंता यह थी कि आग का तापमान धीरे-धीरे बढ़ते हुए मुख्य स्टोरेज टैंक से जुड़ी पाइपलाइन तक पहुंचने लगा। टैंक में बड़ी मात्रा में ज्वलनशील पदार्थ मौजूद होने के कारण इसका गर्म होना किसी बड़े विस्फोट की संभावना पैदा कर सकता था। इंजीनियरों और दमकल टीमों ने तुरंत निर्णय लिया कि स्टोरेज टैंक को लगातार पानी डालकर ठंडा किया जाए। टैंक की सुरक्षा के लिए अग्निशमन टीमों को 24 घंटे की रणनीति के अंतर्गत लगातार पानी डालने का निर्देश दिया गया। फिलहाल टैंक को सुरक्षित बताया जा रहा है, लेकिन खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
इलाके को खाली कराया गया, सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
विस्फोट की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने आसपास के पूरे क्षेत्र को खाली कराने का आदेश दिया। फैक्ट्री से सटे रास्तों को पूरी तरह बैरिकेड कर दिया गया और लोगों को सुरक्षित दूरी पर हटाया गया। कई परिवारों को सुरक्षा के उद्देश्य से अपने घर छोड़ने पड़े। प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों को आश्वस्त किया है कि स्थिति सामान्य होने पर ही उन्हें वापस घर लौटने की अनुमति दी जाएगी।
सुबह से उच्चाधिकारी घटनास्थल पर मौजूद, राहत कार्य की लगातार निगरानी
घटना की गंभीरता को देखते हुए एडीजी अशोक मुथा जैन, मंडलायुक्त अनिल ढींगरा, डीआईजी डा. एस चन्नप्पा, डीएम दीपक मीणा, एसपी सिटी अभिनव त्यागी तथा गीडा सीईओ अनुज मलिक सुबह से घटनास्थल पर मौजूद रहे। वरिष्ठ अधिकारियों ने राहत और बचाव कार्य में लगे सभी दलों के साथ समन्वय बनाकर आग पर काबू पाने और किसी भी संभावित खतरे से निपटने की रणनीति तैयार की।
फैक्ट्री मालिक बोले: वास्तविक नुकसान का पता आग बुझने के बाद लगेगा
फैक्ट्री मालिक राजेश रूंगटा ने बताया कि जिस तरह से आग फैली है, उससे नुकसान का आंकलन तभी हो सकेगा जब आग पूरी तरह बुझ जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन और दमकल विभाग के सहयोग से आग को नियंत्रित करने की कोशिशें जारी हैं। डीएम दीपक मीणा ने आग की वजहों की जांच के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कार्रवाई की जा सके।
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