जागृत भारत | लखनऊ(Lucknow): जमीन के रिकॉर्ड को अपडेट करने के लिए उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने एक बड़ा फैसला लिया है। अब खतौनी (जमीन का रिकॉर्ड) में खातेदारों का हिस्सा (अंश) तय करने का काम आसान और तेज हो जाएगा। राजस्व परिषद की आयुक्त एवं सचिव कंचन वर्मा ने सभी जिलों के अधिकारियों को इस नई व्यवस्था को तुरंत लागू करने का निर्देश दिया है। यह कदम जमीन के मामलों में देरी को खत्म करने और किसानों को जल्द राहत देने के लिए उठाया गया है।
पुरानी व्यवस्था क्यों बदली गई? (The Problem)
पहले ‘ग्रामवार’ (पूरे गाँव के आधार पर) अंश निर्धारण की व्यवस्था थी। इसमें एक बड़ी समस्या थी:
- पूरा गाँव होता था लॉक: जब भी किसी गाँव में अंश निर्धारण का काम शुरू होता था, तो पूरे गाँव के सभी जमीन के रिकॉर्ड लॉक कर दिए जाते थे।
- काम रुक जाते थे: इस वजह से गाँव के अन्य किसानों के जरूरी काम जैसे वरासत (विरासत दर्ज करना), या नामांतरण (नाम बदलना) रुक जाते थे। लोगों को महीनों इंतजार करना पड़ता था।
यह रुकावट राजस्व संहिता की धारा-31(2) के तहत चल रहे अंश निर्धारण के काम को धीमा कर रही थी।
नई ‘गाटावार’ प्रणाली: अब काम नहीं रुकेगा (The Solution)
रुकावट को खत्म करने के लिए राजस्व परिषद ने अब ‘गाटावार अंश निर्धारण’ (Plot-wise Share Determination) की नई व्यवस्था लागू की है।
नई व्यवस्था के 3 बड़े फायदे:
- सिर्फ गाटा लॉक होगा: अब पूरे गाँव को लॉक नहीं किया जाएगा। केवल उस ख़ास गाटा संख्या (Plot Number) को लॉक किया जाएगा, जिसका अंश निर्धारण हो रहा है।
- वरासत/नामांतरण जारी: गाँव के बाकी सभी गाटे खुले रहेंगे। इससे किसानों के वरासत, नामांतरण जैसे जरूरी काम बिना रुके चलते रहेंगे।
- तेज होगी प्रक्रिया: यह बदलाव शेष बचे 1.06 करोड़ गाटों में अंश निर्धारण का काम बहुत तेज़ी से पूरा करने में मदद करेगा।
अब कैसे होगा अंश निर्धारण का काम? (Step-by-Step Process)
राजस्व परिषद के आदेश के अनुसार, गाटावार अंश निर्धारण का काम अब इस तरह होगा:
- अधिकारी लॉगिन करेंगे: सबसे पहले भू-लेख वेबसाइट पर तहसील स्तर के अधिकारी (एडमिन) लॉगिन करेंगे।
- गाटावार विकल्प: वे ‘गाटावार अंश निर्धारण’ का नया विकल्प चुनेंगे।
- लंबित सूची: स्क्रीन पर उन सभी गाटों की सूची दिखेगी, जिनमें अंश निर्धारण का काम अभी बाकी है।
- गाटे का चयन: अधिकारी एक गाटे का चयन करेंगे और अंश निर्धारण की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- ‘एक दिन का नियम’: किसी भी गाटे को लॉक करने के बाद उसी दिन उसका अंश निर्धारण करके उसे अनलॉक करना होगा। इससे किसी भी किसान को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
इस नई और आसान व्यवस्था से जमीन के कागजात (खतौनी) में खातेदारों का हिस्सा दर्ज करने का काम जल्द पूरा होगा, जिससे किसानों को उनके अधिकार आसानी से और जल्दी मिल सकेंगे।



















































































































































































































































































































































































