कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को बिहार के भागलपुर जिले के पिरपैंती में प्रस्तावित थर्मल पावर प्रोजेक्ट को लेकर NDA सरकार पर तीखा हमला बोला। कन्हैया कुमार ने कहा कि “वोट चोर सरकार जमीन चोर भी है”, जो कि केंद्र की भाजपा-नेतृत्व वाली सरकार की ओर एक संकेत था।
जमीन विवाद पर कन्हैया कुमार का आरोप:
कन्हैया कुमार ने मीडिया से बातचीत में कहा, “कई दिनों से बिहार में जमीन सर्वे की चर्चा थी और लोग स्थानीय ब्लॉक कार्यालयों के चक्कर लगा रहे थे, अपनी जमीन के कागजात साथ लिए हुए थे। लेकिन असल मकसद सरकार का था कि वे उन जमीनों की पहचान करें और उन्हें अपने मित्रों को सौंप दें। भागलपुर में 1,000 एकड़ से अधिक जमीन अडानी समूह को सिर्फ ₹1 प्रति एकड़ की दर पर क्यों दी गई?”
उन्होंने यह भी बताया कि यह पावर प्रोजेक्ट पहले UPA सरकार के समय शुरू हुआ था, लेकिन बाद में इसे संदिग्ध शर्तों के तहत अडानी समूह को सौंप दिया गया।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान और पार्टी प्रवक्ता राजेश राठौर भी कन्हैया कुमार के साथ मौजूद थे।
बीजेपी पर चुनाव पूर्व लाभ देने का आरोप:
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने आरोप लगाया कि जहां-जहां विधानसभा चुनाव होते हैं और बीजेपी को लगता है कि वह चुनाव हार सकती है, वह अडानी समूह को विशेष लाभ देती है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र, झारखंड और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से पहले अडानी समूह को पावर प्रोजेक्ट दिए गए। ऐसा हर जगह और हर चुनाव से पहले होता है।”
बिजली की दर पर सवाल:
कन्हैया कुमार ने पिरपैंती प्रोजेक्ट के लिए तय बिजली दरों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “अन्य राज्यों में अडानी समूह को प्रति यूनिट ₹3-3.5 में बिजली की आपूर्ति का ठेका मिलता है, लेकिन पिरपैंती में यह दर ₹6 प्रति यूनिट तय की गई है।”
प्रोजेक्ट और जमीन का विवरण:
कन्हैया कुमार ने आरोप लगाया कि बिहार की NDA सरकार ने पिरपैंती में 2,400 मेगावाट के अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्रोजेक्ट के लिए किसानों से जमीन पुराने दर पर ली, लेकिन इसे अडानी समूह को नए दर पर सौंप दिया। उन्होंने कहा, “यह जमीन समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है।”
इस परियोजना के लिए बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) ने अडानी पावर को 25 साल का पावर सप्लाई एग्रीमेंट (PSA) दिया है। अगस्त में LoA (Letter of Award) जारी किया गया था।
रोजगार और लाभ:
प्रोजेक्ट के निर्माण चरण में 10,000-12,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है, जबकि संचालन शुरू होने के बाद 3,000 स्थायी नौकरियां मिलेंगी। कोयला आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार की SHAKTI नीति के तहत इस प्रोजेक्ट को कोयला लिंकिंग प्रदान की गई है, जो पारदर्शी तरीके से ईंधन उपलब्ध कराती है।
कन्हैया कुमार का निष्कर्ष:
कन्हैया कुमार ने कहा, “यह पावर प्रोजेक्ट करीब एक लाख करोड़ रुपये का लाभ उत्पन्न करेगा, जो अब बिहार के आम लोगों की बजाय सीधे मोदी जी के खजाने में जाएगा। परियोजना शुरू में राज्य और केंद्र सरकार का संयुक्त उद्यम थी, लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने समर्थन वापस ले लिया।”
➤ You May Also Like


































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































