श्रीनगर, 10 अक्टूबर 2025: दक्षिण कश्मीर में आतंक विरोधी अभियान के दौरान लापता हुए दो जवानों के शव शुक्रवार को बरामद कर लिए गए। सेना ने बताया कि दोनों सैनिक 6 और 7 अक्टूबर की दरमियानी रात से लापता थे और खराब मौसम तथा बर्फीले तूफान के बीच उनका संपर्क टूट गया था।
सेना ने बताया कि दोनों जवानों के शव कोकरनाग के किस्तवार रेंज के ऊपरी इलाकों से मिले हैं। यह क्षेत्र ऊँचे पहाड़ों, बर्फ से ढके रास्तों और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के लिए जाना जाता है। सेना ने इस घटना में किसी आतंकी हमले की संभावना से इंकार किया है, क्योंकि दोनों सैनिकों के सेवा राइफल (Service Rifles) भी उनके पास से बरामद हुए हैं।
सेना के प्रवक्ता ने बताया,
“लांस हवलदार पलाश घोष और लांस नायक सुजय घोष ने कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी निभाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। दक्षिण कश्मीर के बर्फीले पहाड़ों में आतंक विरोधी अभियान के दौरान उन्होंने असाधारण साहस और समर्पण का परिचय दिया। उनका पराक्रम हमेशा हमें प्रेरित करेगा।”
🔹 बर्फीले तूफान में लापता हुए दोनों जवान
सेना के अनुसार, दोनों सैनिक किश्तवार रेंज में आतंकियों की संभावित आवाजाही वाले इलाकों में गश्त पर थे। इस दौरान वहां भारी हिमपात और व्हाइटआउट कंडीशन (दृश्यता शून्य) की स्थिति बन गई, जिससे पूरी टीम का आपस में संपर्क टूट गया।
इसके बाद सेना ने कई इलाकों में व्यापक खोज और बचाव अभियान (Search and Rescue Operation) चलाया। हालांकि लगातार खराब मौसम और बर्फबारी ने अभियान में बाधा डाली।
सेना के सूत्रों ने बताया कि खोज दलों को अंततः शुक्रवार सुबह दोनों सैनिकों के शव ऊपरी पहाड़ी क्षेत्र से मिले।
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🔹 पारा कमांडो यूनिट से थे दोनों जवान
दोनों जवान भारतीय सेना की विशिष्ट पारा कमांडो यूनिट से थे। सेना के अनुसार, दक्षिण कश्मीर के पहाड़ी क्षेत्रों में इस सप्ताह की शुरुआत में 6 से 8 इंच तक बर्फबारी हुई थी। बावजूद इसके, सुरक्षा बलों ने कोकरनाग और किश्तवार के घने जंगलों और ऊँचे इलाकों में तलाशी अभियान जारी रखा।
🔹 बढ़ती आतंकी गतिविधियों के बीच कठिन गश्त
पिछले दो वर्षों में कश्मीर घाटी, चेनाब घाटी और पीर पंजाल क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में आतंकियों की गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से सेना और सुरक्षा बल लगातार कठिन और ऊँचे इलाकों में गश्त और निगरानी कर रहे हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में जम्मू डिवीजन में 30 से अधिक मुठभेड़ों और घातक हमलों में 18 सुरक्षा कर्मी और 13 आतंकवादी मारे गए थे।
जम्मू संभाग के उधमपुर, रियासी, डोडा और किश्तवार जिलों में आतंकियों की सक्रियता सबसे ज्यादा दर्ज की गई थी।
🔹 सेना ने जताया शोक
सेना ने दोनों सैनिकों की शहादत पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा।
“इन जवानों ने विपरीत मौसम और भौगोलिक चुनौतियों के बावजूद कर्तव्य निभाया। राष्ट्र उनके साहस और समर्पण को नमन करता है।”


























































































































































































































































































































































































































