वॉशिंगटन। भारतीय मूल के काश पटेल (Kash Patel) एक बार फिर अमेरिकी राजनीति के केंद्र में आ गए हैं। उन्हें अमेरिकी सीनेट समिति (U.S. Senate Committee) के सामने पेश होना है, जहां उनसे न केवल चार्ली किर्क (Charlie Kirk) की हत्या की जांच को लेकर सवाल पूछे जाएंगे, बल्कि एफबीआई (FBI) में मचे आंतरिक उथल-पुथल और राजनीतिक दबावों पर भी जवाब मांगने की तैयारी है।
यह सुनवाई उस समय हो रही है जब एफबीआई के अंदर कई वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मतभेद सामने आए हैं और एजेंसी की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं। चार्ली किर्क की हत्या की जांच को लेकर एजेंसी पर राजनीतिक पक्षपात के आरोप भी लगाए जा रहे हैं।
काश पटेल की यह पहली वापसी होगी सीनेट समिति के सामने, जनवरी में हुई उनकी पुष्टि सुनवाई (confirmation hearing) के बाद। उस समय उन्होंने डेमोक्रेट्स को आश्वस्त करने की कोशिश की थी कि वे एफबीआई निदेशक के तौर पर किसी भी तरह की बदले की राजनीति (retribution politics) में शामिल नहीं होंगे।
सूत्रों के मुताबिक, सीनेट की बैठक में पटेल से निम्न मुद्दों पर सवाल-जवाब होगा:
- चार्ली किर्क की हत्या की जांच की प्रगति और पारदर्शिता 
- एफबीआई के अंदर राजनीतिक हस्तक्षेप की आशंकाएं 
- एजेंसी के नेतृत्व और कामकाज में हालिया उथल-पुथल 
- क्या एफबीआई का फोकस स्वतंत्र जांच पर है या राजनीतिक दबाव में 
विश्लेषकों का मानना है कि यह सुनवाई पटेल के करियर और उनकी विश्वसनीयता के लिए बेहद अहम होगी। अगर वे सीनेट को आश्वस्त करने में सफल रहते हैं तो एफबीआई के मौजूदा संकट से उबरने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। लेकिन अगर संदेह गहराया तो एफबीआई पर और अधिक राजनीतिक हमले हो सकते हैं।
























































































































































































































































































































































































































