Breaking News

यूपी में जाति उल्लेख पर रोक: इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बड़ा फैसला

Published on: September 23, 2025
up-bans-caste-mention-in-fir-rallies-public-places

उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया निर्देशों के बाद जाति-आधारित रैलियों, एफआईआर और सार्वजनिक स्थलों पर जाति उल्लेख को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया है। रविवार (22 सितम्बर 2025) को कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने यह आदेश जारी किया, जिसमें कहा गया कि जाति आधारित रैलियां केवल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए आयोजित की जाती हैं और समाज में वैमनस्य पैदा करती हैं, जो “लोक व्यवस्था” और “राष्ट्रीय एकता” के खिलाफ है।

मुख्य सचिव के नोटिफिकेशन में कहा गया:

“राज्य सरकार की नीति संवैधानिक मूल्यों के अनुरूप एक समावेशी व्यवस्था स्थापित करने की है और इसके लिए जाति-आधारित भेदभाव को खत्म करना जरूरी है।”


🚫 आदेश के प्रमुख बिंदु

  1. जाति आधारित राजनीतिक रैलियां पूर्णतः प्रतिबंधित।

  2. एफआईआर, गिरफ्तारी पंचनामा, मेमो आदि में आरोपियों की जाति का उल्लेख नहीं होगा।

  3. वाहनों पर जाति नाम/स्लोगन/स्टिकर मिलने पर चालान होगा (मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत)।

  4. सार्वजनिक स्थानों पर जाति आधारित बोर्ड, पोस्टर और घोषणाएं तुरंत हटाई जाएं।

  5. सोशल मीडिया पर जातीय घृणा फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी।

  6. एनसीआरबी (NCRB) के सीसीटीएनएस पोर्टल से ‘जाति कॉलम’ हटाने के लिए पत्राचार किया जाएगा। तब तक पुलिस इसे खाली छोड़ेगी।

  7. एफआईआर और पुलिस दस्तावेजों में अब आरोपी की माँ का नाम भी अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा।

  8. SC/ST एक्ट के अंतर्गत दर्ज मामलों में जाति उल्लेख की छूट रहेगी।


⚖️ इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती

16 सितम्बर 2025 को न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की पीठ ने यह निर्देश दिया था कि आरोपियों की जाति लिखना “पहचान आधारित प्रोफाइलिंग” है, जो न केवल जांच की निष्पक्षता को प्रभावित करता है बल्कि पूर्वाग्रह, जनमत और न्यायिक सोच को भी दूषित करता है। कोर्ट ने कहा कि यह मूल अधिकारों और संवैधानिक मूल्यों का उल्लंघन है।


🗣️ प्रशासन की चुनौती

उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में, जहाँ निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जैसी जाति-आधारित नाम वाली राजनीतिक पार्टियाँ सक्रिय हैं, सरकार के लिए इस आदेश को लागू करना बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि “जमीनी स्तर पर इस फैसले को सख्ती से लागू करना कठिन जरूर होगा, लेकिन यह सामाजिक एकता की दिशा में अहम कदम है।”


👉 यह कदम यूपी सरकार द्वारा जातिवाद को राजनीति और समाज से दूर करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है।

इन ख़बरों को भी अवश्य पढ़े :

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

Read Also

Brijbhushan Singh's helicopter lost balance mid-air

बृजभूषण सिंह के हेलिकॉप्टर ने हवा में गवांई बैलेंस: पायलट ने खेत में कराई इमरजेंसी लैंडिंग, बोले – हम सब सुरक्षित हैं

a-young-woman-committed-suicide-by-hanging-herself-in-varia

वरिया में युवती ने फांसी लगाकर की आत्महत्या: कमरे का दरवाजा न खुलने पर हुआ खुलासा, पुलिस जांच में जुटी

bdc-rishiraj-pandey-death-road-accident-beti-ki-shaadi

बेटी की शादी का कार्ड देकर लौट रहे पिता को काल ने घेरा! पूर्व BDC सदस्य की बेकाबू कार से टक्कर में मौके पर मौत, बेटा गंभीर घायल

baughauchghat-masoom-yauon-shoshan-ashanka-case-filed

बघौचघाट: ईंट भट्टे पर सो रही 3 साल की मासूम अचानक गायब, गंभीर हालत में मिली बच्ची; यौन शोषण की आशंका पर केस दर्ज

upsssc-assistant-store-keeper-result-cut-off-declared

UPSSSC असिस्टेंट स्टोर कीपर भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी! 200 पदों के लिए श्रेणीवार कट-ऑफ घोषित, इस डायरेक्ट लिंक से तुरंत करें चेक

gorakhpur-bhai-ne-bahan-ko-mara-teen-lakh-vivad

₹3 लाख के लिए रिश्तों का कत्ल! भाई ने बहन की गला दबाकर हत्या की, लाश बोरे में भरकर 70 KM तक बाइक से घूमता रहा; नीलम हत्याकांड की पूरी कहानी

Leave a Reply