जागृत भारत | गोरखपुर(Gorakhpur): उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले की खलीलाबाद तहसील में एक बेहद चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है। अपने पक्ष में फैसला न आने की आशंका से नाराज़ एक महिला ने न सिर्फ नायब तहसीलदार पर तेजाब फेंकने की धमकी दी, बल्कि पीठासीन अधिकारी और पेशकार को कोर्ट रूम में बंद करके आग लगाने की भी बात कही। इस खौफनाक धमकी ने पूरे प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मचा दिया है। राजस्व निरीक्षक की तहरीर पर खलीलाबाद पुलिस ने महिला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी गई है।
दाखिल-खारिज विवाद ने लिया खतरनाक मोड़
यह पूरा मामला नायब तहसीलदार द्वितीय, खलीलाबाद प्रियंका त्रिपाठी के न्यायालय में चल रहे एक दाखिल-खारिज (Mutation) के मुकदमे से जुड़ा है। दुधारा क्षेत्र के बभनी बौरा गांव के निवासी रामलगन ने यह प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।
पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार, यह धमकी 27 अक्टूबर को दी गई थी। रामलगन की पत्नी, भानमती, ने पीठासीन अधिकारी को संबोधित करते हुए यह स्पष्ट धमकी दी कि यदि नायब तहसीलदार ने पत्रावली में उसके खिलाफ कोई आदेश किया, तो वह उन पर एसिड फेंक देगी।
कोर्ट रूम को जलाने और आत्मदाह की धमकी
महिला का आक्रोश इतना अधिक था कि उसने प्रशासनिक अधिकारियों की सुरक्षा को सीधे चुनौती दे डाली। उसने धमकाते हुए कहा कि “पीठासीन अधिकारी और पेशकार को कोर्ट में बंद करके आग लगा देगी और स्वयं भी आग लगाकर जान दे देगी।” महिला की मांग थी कि फैसला हर हाल में उसके पक्ष में ही किया जाए, अन्यथा वह यह खतरनाक कदम उठाएगी।
नायब तहसीलदार प्रियंका त्रिपाठी ने इस गंभीर धमकी के बारे में तुरंत उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, राजस्व निरीक्षक की तहरीर पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की।
पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, शुरू हुई तलाश
संत कबीर नगर कोतवाली खलीलाबाद पुलिस ने शनिवार देर रात दुधारा क्षेत्र की रहने वाली आरोपी महिला भानमती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। कोतवाल पंकज पांडेय ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और महिला की गिरफ्तारी के लिए जांच शुरू कर दी गई है।
यह मामला सरकारी कामकाज में बाधा डालने, अधिकारियों को धमकाने और जानलेवा हमला करने की साजिश से जुड़ी धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस अब महिला को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ करेगी ताकि पता चल सके कि उसने यह धमकी आवेश में दी थी या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी।
सरकारी कामकाज के दौरान अधिकारियों को इस तरह की तेजाब फेंकने और जान से मारने की गंभीर धमकियाँ मिलना कानून व्यवस्था और प्रशासनिक सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। दाखिल-खारिज जैसे साधारण राजस्व विवाद का इतना खतरनाक मोड़ लेना चिंता का विषय है। पुलिस का तुरंत मुकदमा दर्ज करना एक सकारात्मक कदम है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि धमकी देने वाली महिला के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। इससे न सिर्फ महिला को सबक मिलेगा, बल्कि भविष्य में कोई अन्य व्यक्ति प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाने या उन्हें डराने के लिए इस तरह के गंभीर कृत्यों का सहारा नहीं लेगा।
‘मोंथा’ चक्रवात हटा, अब छाएगा कोहरा: उत्तर प्रदेश में समय से पहले दस्तक देगी ठंड की धुंध, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
➤ You May Also Like















































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































































