नई दिल्ली। भारत ने यात्रा दस्तावेजों को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। विदेश मंत्रालय ने ई-पासपोर्ट सुविधा को औपचारिक रूप से पूरे देश में लागू कर दिया है। अप्रैल 2024 में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू हुई यह योजना जून 2025 से राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार पा चुकी है।
क्या है ई-पासपोर्ट?
ई-पासपोर्ट दिखने में बिल्कुल पारंपरिक भारतीय पासपोर्ट जैसा ही है, लेकिन इसमें RFID चिप और ऐन्टेना लगाया गया है। इसमें धारक की बायोमेट्रिक जानकारी जैसे फिंगरप्रिंट और डिजिटल फोटो सुरक्षित रहते हैं। इससे नकली पासपोर्ट बनाना लगभग असंभव हो जाएगा। इसके कवर पर “Passport” शब्द के नीचे सुनहरे रंग का एक विशेष निशान बना होता है, जो इसे सामान्य पासपोर्ट से अलग पहचान देता है। सबसे अहम बात, यह पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय ICAO मानकों के अनुरूप है और दुनिया भर में मान्यता प्राप्त है।
कहां से मिलेगा?
शुरुआत में यह सुविधा केवल चेन्नई, हैदराबाद, भुवनेश्वर, सूरत, नागपुर, गोवा, जम्मू, शिमला, रायपुर, अमृतसर, जयपुर, रांची और दिल्ली के पासपोर्ट सेवा केंद्रों तक सीमित थी। लेकिन अब पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 के तहत इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया है। हालांकि सभी केंद्रों पर एक साथ यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी, लेकिन नागरिक आवेदन कर सकते हैं। जिनके पास अभी वैध पासपोर्ट है, उन्हें तुरंत बदलाव की आवश्यकता नहीं है।
कौन कर सकता है आवेदन?
ई-पासपोर्ट के लिए पात्रता बिल्कुल सामान्य पासपोर्ट जैसी ही है। कोई भी भारतीय नागरिक आवेदन कर सकता है। आवश्यक दस्तावेज़ हैं—पहचान पत्र, पते का प्रमाण और जन्म तिथि का सबूत। साथ ही पासपोर्ट सेवा केंद्र में बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा।
कैसे करें आवेदन?
- पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन/लॉगिन करें।
- ऑनलाइन फॉर्म भरकर नज़दीकी पासपोर्ट सेवा केंद्र चुनें।
- फीस ऑनलाइन जमा कर अपॉइंटमेंट बुक करें।
- तय तारीख पर सभी ज़रूरी दस्तावेजों के साथ केंद्र पर जाएं।
- वेरिफिकेशन और बायोमेट्रिक कैप्चर के बाद ई-पासपोर्ट जारी कर दिया जाएगा।
क्या होंगे फायदे?
- सुरक्षा: चिप में मौजूद डेटा बदलना या नकली पासपोर्ट बनाना बेहद मुश्किल होगा।
- तेज़ प्रक्रिया: एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन और वेरिफिकेशन तेज़ी से होगा, खासकर ऑटोमेटेड ई-गेट्स वाले देशों में।
- वैश्विक मान्यता: भारतीय पासपोर्ट अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय होगा।
- पहचान सुरक्षा: इलेक्ट्रॉनिक और बायोमेट्रिक फीचर्स नागरिकों को पहचान चोरी से बचाएंगे।
ई-पासपोर्ट लागू होने के बाद भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जहां यात्रा दस्तावेज पूरी तरह डिजिटल और हाई-सिक्योरिटी फीचर्स से लैस हैं।
























































































































































































































































































































































































































