राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार (6 अक्टूबर 2025) को एक और आरोपी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिस पर फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर लॉरेंस बिश्नोई गैंग के सदस्यों को देश से फरार कराने में मदद करने का आरोप है।
यह मामला लॉरेंस बिश्नोई गैंग और प्रतिबंधित आतंकी संगठन बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) के बीच रची गई एक आतंकी साजिश से जुड़ा है, जिसका उद्देश्य भारत में आतंक फैलाना था।
एनआईए ने शनिवार (4 अक्टूबर 2025) को दिल्ली की पटियाला हाउस स्थित एनआईए विशेष अदालत में दाखिल अपनी पांचवीं चार्जशीट में आरोपी राहुल सरकार को नामजद किया है। एजेंसी के अनुसार, राहुल सरकार ने गैंग के सदस्यों को आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने में मदद की।
एनआईए की ओर से जारी बयान के मुताबिक,
“राहुल सरकार इस मामले में अब तक चार्जशीट किए गए 22वें आरोपी हैं। इनमें से 18 आरोपी, जिनमें सरकार भी शामिल हैं, गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जबकि चार अब भी फरार हैं।”
जांच में खुलासा हुआ है कि राहुल सरकार ने गैंग के सदस्यों के लिए फर्जी पहचान पत्र जैसे आधार कार्ड, वोटर आईडी, बैंक पासबुक आदि तैयार कराए, जिनका इस्तेमाल गैंग के अन्य सदस्यों — जिनमें आरोपी सचिन बिश्नोई भी शामिल है — को पासपोर्ट हासिल करने और देश से फरार होने में किया गया।
एनआईए ने बताया कि इन फर्जी दस्तावेजों की मदद से आरोपी देश से बाहर भागकर अपनी आतंकी गतिविधियां जारी रखना चाहते थे।
यह मामला मूल रूप से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा 4 अगस्त 2022 को दर्ज किया गया था। इसके बाद 26 अगस्त 2022 को एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली और तब से एजेंसी इस आतंकी-गैंगस्टर गठजोड़ की जांच जारी रखे हुए है।
एनआईए का कहना है कि वह इस साजिश के अन्य पहलुओं की जांच जारी रखे हुए है ताकि इस नेटवर्क से जुड़े सभी आरोपियों तक पहुंच बनाई जा सके।

































































































































































































































































































































































































































