जागृत भारत | लखनऊ(Lucknow): सहारा इंडिया की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कंपनी द्वारा अपने कर्मचारियों के भविष्य निधि (PF) का ₹1180 करोड़ से अधिक का बकाया जमा न करने के मामले में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) विभाग ने अब तक की सबसे बड़ी सख्ती दिखाई है।
ईपीएफओ के रिकवरी विभाग ने मंगलवार, अक्टूबर को एक आदेश जारी करते हुए सहारा इंडिया की संपत्तियों की कुर्की (Attachment of properties) का निर्देश दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA), नगर निगम, तहसील प्रशासन और अन्य संबंधित विभागों को भेज दिया गया है।
💰 कुल देनदारी और देनदारों में प्राथमिकता
सहारा इंडिया पर बकाया राशि का विवरण इस प्रकार है:
- मूल बकाया राशि: ₹11,79,10,69,689.70
- वसूली लागत: ₹68,050
- कुल देनदारी: ₹11,79,11,37,739.70 (ब्याज सहित वसूली की कार्रवाई शुरू)
ईपीएफ अधिनियम की धारा के तहत, ईपीएफओ ने स्पष्ट किया है कि किसी भी अन्य देनदारी से पहले, कर्मचारियों की भविष्य निधि की राशि पर पहला और प्राथमिक अधिकार उन्हीं कर्मचारियों का है जिन्होंने कंपनी में सेवाएँ दी हैं।
🚫 संपत्तियों की खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक
ईपीएफओ ने अपने आदेश में सहारा इंडिया की कई प्रमुख संपत्तियों के लेनदेन पर तत्काल रोक लगा दी है।
- प्रभावित संपत्तियाँ: सहारा इंडिया भवन, कपूरथला कॉम्प्लेक्स, अलीगंज समेत सहारा की अन्य अचल संपत्तियाँ।
- रोक के निर्देश: इन संपत्तियों को न तो बेचा जा सकेगा, न गिरवी रखा जा सकेगा और न ही किसी को ट्रांसफर (हस्तांतरित) किया जा सकेगा।
विभाग ने स्पष्ट कहा है कि इन संपत्तियों पर किसी भी लेनदेन से पहले कर्मचारियों के बकाए की वसूली सुनिश्चित कराई जानी चाहिए।
यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब सहारा इंडिया पहले से ही निवेशकों का पैसा हड़पने के मामले में कई सरकारी एजेंसियों की जांच के दायरे में है। ईपीएफओ की यह सख्ती लाखों कर्मचारियों को राहत दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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