जागृत भारत, रामपुर। जेल से बाहर आने के बाद सपा नेता आज़म खान के बसपा में शामिल होने की अटकलों पर अब विराम लग गया है। खुद आज़म खान ने इन खबरों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने साफ कहा—
“क्या मैं बेवकूफ दिखता हूं? मैं समाजवादी पार्टी में हूं और हमेशा रहूंगा। मैं बिकाऊ नहीं हूं। आग मत लगाओ। अखिलेश यादव नेताजी की औलाद हैं और मुझे बेहद अज़ीज़ हैं।”
104 मुकदमों का बोझ
आज़म खान पर कुल 104 मामले दर्ज हैं। इनमें से 12 मामलों में अदालत ने फैसला सुना दिया है। कुछ में उन्हें सज़ा मिली तो कुछ में बरी कर दिया गया। बाकी बचे 72 मामलों में उन्हें कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, जिसके चलते उनकी जेल से रिहाई संभव हो पाई।
विवादों से गहरा रिश्ता
आज़म खान का राजनीति और विवाद हमेशा साथ-साथ चलते रहे हैं। सदन में महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने से लेकर अधिकारियों से बदसलूकी और चुनावी मंच पर आपत्तिजनक भाषण देने तक, उनके खिलाफ कई बार आरोप लगे।
- 2019 लोकसभा चुनाव: आपत्तिजनक भाषण पर चुनाव आयोग ने दो बार प्रचार पर बैन लगाया, बावजूद इसके आज़म खान चुनाव जीतने में सफल रहे।
- 2022: भड़काऊ भाषण के मामले में उन्हें 2 साल की सज़ा हुई और उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली गई।
- डूंगरपुर प्रकरण 2019: इस मामले में आरोप लगे कि आज़म खान के इशारे पर लोगों के घर जबरन खाली कराए गए, तोड़े गए और उनके साथ मारपीट व लूटपाट हुई। कई मुकदमे इसी कड़ी में दर्ज हुए।


























































































































































































































































































































































































































