अगर आपके फोन पर किसी अनजान नंबर से कॉल आने पर अचानक कोई नाम दिखने लगे—और वह नाम आपके कॉन्टैक्ट में सेव भी न हो—तो यह कोई गलती या तकनीकी समस्या नहीं है। यह भारत सरकार का नया CNAP सिस्टम (Calling Name Presentation) है, जिसकी टेस्टिंग देश के कुछ हिस्सों में शुरू हो चुकी है।
टेलीकॉम कंपनियां इसे धीरे-धीरे अपने नेटवर्क पर एक्टिवेट कर रही हैं। इस सिस्टम के आने से बिना किसी थर्ड-पार्टी ऐप के स्पैम और फ्रॉड कॉल्स की पहचान करना बहुत आसान हो जाएगा।
क्या है CNAP?
CNAP (Calling Name Presentation) एक सरकारी वेरीफाइड कॉलर आईडी सिस्टम है।
इसके तहत:
किसी अनजान नंबर से कॉल आने पर सबसे पहले आधार से लिंक्ड वेरिफाइड नाम दिखेगा।
उसके बाद वही नाम दिखेगा जो आपने अपने फोन में सेव कर रखा है।
उदाहरण:
अगर आपने अपनी मां को “Mom” नाम से सेव किया है, लेकिन उनके नंबर पर आधार में “सुनीता देवी” लिखा है, तो कॉल आते ही पहले “सुनीता देवी” और फिर “Mom” दिखाई देगा।
यह सिस्टम सीधे सिम रजिस्ट्रेशन रिकॉर्ड्स से डेटा लेता है, इसलिए गलत जानकारी की संभावना बहुत कम है।
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ट्रूकॉलर से कैसे अलग है CNAP?
ट्रूकॉलर की जानकारी क्राउडसोर्स्ड होती है, जो हमेशा सही नहीं होती।
CNAP का डेटा सरकार द्वारा वेरीफाइड होता है।
इसके लिए किसी ऐप की जरूरत नहीं—यह फोन में डिफॉल्ट सुविधा के रूप में काम करेगा।
यूजर चाहे तो इसे डिएक्टिवेट भी करा सकते हैं।
टेलीकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा में इसका ट्रायल भी किया था।
TRAI और DoT ने दी मंजूरी
टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI और DoT ने 29 अक्टूबर को CNAP सिस्टम को लागू करने की मंजूरी दी।
जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया इसे तेजी से अपने नेटवर्क पर इंस्टॉल कर रहे हैं।
यह सिस्टम:
डिजिटल सिक्योरिटी को मजबूत करेगा
फ्रॉड कॉल्स पर नियंत्रण लाएगा
कॉलिंग में पारदर्शिता बढ़ाएगा
यूजर्स को क्या फायदा होगा?
अनजान कॉल को पहचानना आसान
स्पैम और फ्रॉड कॉलर्स की पहचान तुरंत
किसी ऐप की जरूरत नहीं
बुजुर्गों और महिलाओं की सुरक्षा में बढ़ोतरी
कॉलिंग सिस्टम पर भरोसा बढ़ेगा
इन लोगों का नाम कॉल पर नहीं दिखेगा
जिनके पास CLIR (Calling Line Identification Restriction) की सुविधा है, उनके कॉलर नाम दिखाई नहीं देंगे।
यह सुविधा मिलती है:
कुछ सामान्य उपभोक्ताओं को
केंद्रीय खुफिया एजेंसी अधिकारियों को
महत्वपूर्ण व्यक्तियों को
कॉल सेंटर, टेलीमार्केटर्स और बल्क कनेक्शन इसे इस्तेमाल नहीं कर सकते।
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स्पैम कॉल और मैसेज: सवाल-जवाब
सवाल 1: स्पैम कॉल/मैसेज क्या होते हैं?
अनजान नंबर से आने वाली कॉल्स या मैसेज, जिसमें:
लोन
क्रेडिट कार्ड
लॉटरी
ऑफर
फर्जी सर्विस
का लालच देकर लोगों को फंसाया जाता है।
सवाल 2: किन लोगों को स्पैम कॉल ज्यादा आते हैं?
जिन लोग स्पैम कॉल उठाते हैं और जवाब देते हैं, उनका नंबर कंपनियों की “रिस्पॉन्सिव नंबर लिस्ट” में शामिल हो जाता है।
ऐसे लोग स्कैमर्स के लिए आसान टारगेट बन जाते हैं।
सवाल 3: कंपनियों के पास आपका मोबाइल नंबर कैसे पहुंचता है?
आपके द्वारा किए गए कार्यों से:
सोशल मीडिया पर नंबर डालना
ऐप इंस्टॉल करते समय परमिशन देना
शॉपिंग साइट्स पर नंबर दर्ज करना
बिना सोचे समझे वेबसाइटों पर नंबर शेयर करना
बहुत-सी कंपनियां आपका डेटा थर्ड पार्टी को बेच देती हैं, जो बाद में स्पैम कॉल या मैसेज भेजते हैं।
स्पैम कॉल आने पर कैसे बचें?
किसी रिकॉर्डिंग या कॉलर के कहने पर कोई नंबर न दबाएं
“हां” या “ना” में जवाब देने वाले प्रश्नों से बचें
बैंक डिटेल, आधार, उम्र, पता जैसी जानकारी कभी न दें
अगर कॉलर खुद को बैंक/सरकारी अधिकारी बताकर दबाव बनाए—तुरंत कॉल काटें
वेरिफाई करने के लिए बैंक या सरकारी वेबसाइट पर दिए नंबर पर खुद कॉल करें
किसी भी तरह के दबाव में आकर तुरंत जानकारी साझा न करें
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