जागृत भारत | बिज़नस : अगर आप कारोबारी या दुकानदार हैं और आपने अपना जीएसटी (GST) रिटर्न लंबे समय से फाइल नहीं किया है, तो यह खबर आपके लिए एक बड़ी चेतावनी है। जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने घोषणा की है कि नवंबर 2025 के टैक्स पीरियड से, तीन साल या उससे अधिक पुराने लंबित जीएसटी रिटर्न फाइल करने की सुविधा बंद कर दी जाएगी। इसका सीधा मतलब है कि अगर आपने अभी भी पुराने रिटर्न नहीं भरे हैं, तो जल्द ही आप उन्हें हमेशा के लिए फाइल करने का मौका खो सकते हैं।
1. क्या है GSTN का नया प्रतिबंध?
जीएसटीएन, जो जीएसटी का तकनीकी कामकाज संभालता है, उसने हाल ही में इस संबंध में एक सलाह जारी की है। यह नया प्रतिबंध जीएसटी एक्ट (वस्तु और सेवा कर कानून) 2023 में किए गए संशोधन पर आधारित है।
- लागू होने की तारीख: यह प्रतिबंध जीएसटी पोर्टल पर नवंबर 2025 के टैक्स पीरियड से लागू होगा।
- प्रभावित रिटर्न: मासिक, तिमाही और सालाना—तीनों तरह के रिटर्न को देय तिथि (Due Date) से 3 साल बाद फाइल करने पर रोक लगा दी जाएगी।
- जीएसटीएन का बयान: जीएसटीएन ने साफ कहा है कि जिस भी रिटर्न की देय तिथि तीन साल या उससे अधिक पहले की थी और जिसे नवंबर 2025 तक फाइल नहीं किया गया है, उसे आगे कभी फाइल करने से रोक दिया जाएगा।
2. कौन से रिटर्न हो जाएंगे समय-बाधित?
जीएसटीएन की ओर से 29 अक्टूबर को जारी सलाह के अनुसार, 1 दिसंबर 2025 से कुछ प्रमुख रिटर्न ‘समय-बाधित’ (Time-Barred) हो जाएंगे। इसका अर्थ है कि ये रिटर्न फिर से फाइल नहीं किए जा सकेंगे:
- मासिक रिटर्न: अक्टूबर 2022 के लिए मासिक जीएसटी रिटर्न फॉर्म GSTR-1 और GSTR-3B।
- सालाना रिटर्न: वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सालाना जीएसटी रिटर्न GSTR-9।
3. कारोबारियों को क्या करना चाहिए?
जिन कारोबारियों या व्यवसायों का जीएसटी रिटर्न 3 साल या उससे अधिक समय से लंबित है, उनके लिए यह अंतिम मौका है।
- तत्काल अनुपालन: कारोबारियों को सलाह दी जाती है कि वे नवंबर 2025 की देय तिथि से पहले अपने सभी लंबित जीएसटी रिटर्न (GSTR-1, GSTR-3B, GSTR-9) तुरंत फाइल कर दें।
- जुर्माना भरें: पुराने रिटर्न फाइल करते समय लगने वाले किसी भी तरह के जुर्माने या ब्याज का भुगतान करना अनिवार्य होगा।
सरकार का यह कदम जीएसटी अनुपालन को बेहतर बनाने और पुराने रिकॉर्ड्स को बंद करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस नियम का पालन न करने पर न केवल फाइलिंग का अधिकार छिन जाएगा, बल्कि कानूनी कार्रवाई का सामना भी करना पड़ सकता है।



























































































































































































































































































































































































