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यूपीपीएससी (UPPSC) पर फिर संकट! PCS प्री 2025 की उत्तर कुंजी में ‘गंभीर’ गलतियाँ, आयोग के दावों पर उठे सवाल

Published on: October 23, 2025
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के अधिकारियों द्वारा प्रश्नपत्र की गुणवत्ता और त्रुटिरहित उत्तर कुंजी जारी करने के दावों के विपरीत, विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आयोग द्वारा हाल ही में जारी की गई पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2025 की उत्तर कुंजी (Answer Key) पर प्रतियोगियों ने एक बार फिर गंभीर आपत्तियां दर्ज कराई हैं। आयोग की पारदर्शिता और विशेषज्ञ पैनल की साख पर इन आपत्तियों के कारण बड़े सवाल खड़े हो गए हैं।


आपत्तियों का आधार और प्रमुख विवादित प्रश्न

प्रतियोगियों ने अपनी आपत्तियां मुख्य रूप से एनसीईआरटी (NCERT) की पुस्तकों और अन्य प्रमाणित स्रोतों को आधार बनाकर दर्ज कराई हैं। अभी 25 अक्टूबर तक आपत्तियां स्वीकार की जाएंगी, जिससे विवादित प्रश्नों की संख्या और बढ़ सकती है।

अटल सुरंग (Atal Tunnel) पर मतभेद

आयोग के अनुसार: अटल सुरंग हिमालय की पीर पंजाल श्रृंखला में बनाई गई है।

प्रतियोगियों का दावा: प्रतियोगियों के अनुसार, पीर पंजाल श्रृंखला सही विकल्प होने के साथ ही, ‘विश्व की सबसे लंबी राजमार्ग सुरंग’ का विकल्प भी सही होना चाहिए। यह दिखाता है कि प्रश्न के एकाधिक सही उत्तर मौजूद हैं या आयोग का उत्तर अपूर्ण है।

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लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरमेंट (LiFE) पर भ्रम

आयोग के अनुसार: लाइफस्टाइल फॉर द एनवायरमेंट को जून 2022 में लॉन्च किया गया था।

प्रतियोगियों का दावा: छात्रों का तर्क है कि स्पेन में इस विचार को पहले ही पारित कर दिया गया था, जिससे लॉन्च की तिथि को लेकर संदेह उत्पन्न होता है।

विद्रोहों का सही क्रम (Sequence of Revolts) पर एनसीईआरटी विवाद

आयोग के अनुसार: आयोग द्वारा दिए गए विद्रोहों का सही क्रम (कालक्रमानुसार) संन्यासी, नील, कूका एवं पबना है।

प्रतियोगी आशीष सिंह का दावा: प्रतियोगी आशीष कुमार सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एनसीईआरटी के अनुसार सही क्रम संन्यासी, कूका, नील एवं पबना है। यह सीधे-सीधे आयोग के उत्तर को देश के सबसे विश्वसनीय सरकारी शैक्षणिक स्रोत से चुनौती देता है।

  • प्रतियोगियों ने विभिन्न योजनाओं के कालक्रम सहित आयोग के कई अन्य जवाबों पर भी आपत्तियां जताई हैं।

आयोग के दावों की विफलता और विश्वसनीयता पर प्रश्न

यह विवाद इसलिए भी गंभीर है क्योंकि आयोग ने पूर्व में हुई इसी तरह की गलतियों को रोकने के लिए कई बड़े कदम उठाने का दावा किया था।

  • परिणामों का बदलना: पूर्व में प्रतियोगियों की आपत्तियों के बाद आयोग को कई भर्ती परीक्षाओं के परिणाम बदलने पड़े हैं।
  • विशेषज्ञों के पैनल का पुनर्गठन: गलतियों को रोकने के लिए, आयोग ने विशेषज्ञों के पैनल का नए सिरे से गठन किया और 400 विशेषज्ञों को बाहर करने की प्रक्रिया भी शुरू की।
  • सतत त्रुटियां: इन सभी सुधारों और दावों के बावजूद, पीसीएस 2025 जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा में बड़ी संख्या में आपत्तियां आना यह दर्शाता है कि आंतरिक गुणवत्ता जांच (Internal Quality Check) और विशेषज्ञ मूल्यांकन की प्रक्रिया अभी भी दोषपूर्ण है।

प्रतियोगियों की प्रमुख माँगें और आगे की रणनीति

आपत्तियां दर्ज कराने वाले प्रतियोगियों ने आयोग से अपनी मांगों को स्पष्ट किया है:

  1. संशोधित उत्तर कुंजी जारी करें: आपत्तियां प्राप्त होने और उनके सत्यापन के बाद आयोग तुरंत संशोधित उत्तर कुंजी जारी करे।
  2. पारदर्शिता सुनिश्चित हो: प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम घोषित करने से पहले अंतिम उत्तर कुंजी, अभ्यर्थियों के प्राप्तांक (Marks), और कटऑफ (Cutoff) भी सार्वजनिक रूप से जारी किए जाएं।
  3. आंदोलन की चेतावनी: प्रतियोगी आशीष कुमार सिंह ने अपनी इन मांगों को लेकर यदि आयोग ने गंभीरता नहीं दिखाई, तो तेज आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।

प्रतियोगी चाहते हैं कि आयोग अपनी पिछली गलतियों से सीखे और इस बार परिणाम घोषित करने से पहले पूरी पारदर्शिता बरते, ताकि हजारों छात्रों का भविष्य अनिश्चितता में न लटके।

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