जागृत भारत प्रयागराज : शुक्रवार शाम से गंगा और यमुना नदियों के जलस्तर में तेज़ी से वृद्धि दर्ज की जा रही है। यमुना नदी में जलस्तर प्रति घंटे चार सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। शनिवार दोपहर 12 बजे तक नैनी में यमुना का स्तर 82.20 मीटर पर पहुंच गया। इसी तरह, गंगा नदी का जलस्तर भी शुक्रवार देर रात से बढ़ना शुरू हुआ और शनिवार दोपहर फाफामऊ में यह 82.24 मीटर तक पहुंच गया। सिंचाई विभाग की रिपोर्ट के अनुसार दोनों नदियों में जलस्तर तेजी से ऊपर चढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की आशंका गहराने लगी है।
सहायक नदियां भी उफान पर, खतरे के निशान से ऊपर
बाढ़ कार्य खंड अधिशासी अभियंता कार्यालय की रिपोर्ट बताती है कि रामगंगा नदी (डबरी में) पहले ही खतरे के निशान को पार कर चुकी है और इसमें और बढ़ोतरी की चेतावनी जारी की गई है।
- कानपुर बैराज का जलस्तर 114.060 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान से ऊपर है।
- यमुना नदी इटावा, औरैया, हमीरपुर और बांदा जिलों में भी उफान पर है।
- सहायक नदियाँ जैसे बेतवा, केन, चंबल में भी जलस्तर में तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
- टोंस नदी के उफान पर होने के कारण संगम के बाद पानी का निकास धीमा हो गया है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
प्रशासन सतर्क, सभी विभागों को निर्देश
बढ़ते खतरे को देखते हुए प्रशासन ने अलर्ट जारी कर सभी तैयारियां मुकम्मल रखने के निर्देश दिए हैं।
एडीएम वित्त एवं राजस्व विनीता सिंह ने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक सावधानियाँ बरतने और बाढ़ से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा है।
संभावित प्रभाव:
- निचले इलाकों में जलभराव की आशंका
- ग्रामीण क्षेत्रों में फसलें और सम्पत्ति प्रभावित होने का खतरा
- राहत एवं बचाव टीमों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश


























































































































































































































































































































































































































