जागृत भारत | लखनऊ, उत्तर प्रदेश में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए मतदाता सूचियों का गहन विशेष पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान फिलहाल नहीं चलाया जाएगा। पंचायत चुनाव के मद्देनजर, चुनाव आयोग (Election Commission) में इस पर सहमति बन गई है।
उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक, स्थानीय निकाय चुनाव की प्रक्रिया चल रही है या जल्द ही शुरू होने वाली है, ऐसे में दो तरह के मतदाता पुनरीक्षण अभियानों से काम की अधिकता हो जाती, जिससे गड़बड़ियों की आशंका बढ़ सकती थी।
मुख्य चुनाव अधिकारियों की सिफारिश पर सहमति
हाल ही में दिल्ली में चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की थी। इस बैठक में कुछ मुख्य चुनाव अधिकारियों ने यह सुझाव दिया कि:
- स्थानीय चुनाव वाले राज्य: जिन राज्यों में स्थानीय निकाय के चुनाव चल रहे हैं या होने वाले हैं, वहाँ इस चरण में SIR अभियान न चलाया जाए।
- सहमति का कारण: इसकी मुख्य वजह बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) का दोनों तरह की मतदाता सूचियों (विधानसभा/लोकसभा और पंचायत) के लिए कॉमन (सामान्य) होना बताया गया।
आयोग की सहमति: सूत्रों के अनुसार, इस सिफारिश पर चुनाव आयोग के अधिकारियों ने भी सहमति जताई, जिसके बाद यूपी में फिलहाल SIR अभियान टालने का निर्णय लिया गया।
पहले इन 5 राज्यों में होगा SIR अभियान
सूत्रों के मुताबिक, आयोग ने यह तय किया है कि पहले उन राज्यों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जहाँ वर्ष 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं।
प्राथमिकता वाले राज्य:
- असम
- केरल
- पुडुचेरी
- तमिलनाडु
- पश्चिमी बंगाल
चुनाव आयोग इन पांच राज्यों के साथ कुछ अन्य राज्यों को भी इस पहले चरण के SIR अभियान में शामिल कर सकता है।


























































































































































































































































































































































































































