🔴 प्रमुख बिंदु (Highlights)
• अब उत्तर प्रदेश में बिना पंजीकरण के कोई भी ड्रोन नहीं उड़ा सकेगा।
• हर ड्रोन खरीदार और विक्रेता की जानकारी एक केंद्रीकृत पोर्टल पर अपलोड की जाएगी।
• गृह विभाग ने सभी जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों को निगरानी सख्त करने के निर्देश दिए।
• राज्य सरकार का कहना है कि यह कदम सुरक्षा, निगरानी और आतंकवाद-रोधी दृष्टिकोण से अहम है।
• नियम तोड़ने पर सख्त कार्रवाई और जुर्माने का प्रावधान भी तय किया गया है।
जागृत भारत (न्यूज़ डेस्क) लखनऊ, 12 अक्टूबर 2025 | सुरक्षा मुख्यालय लखनऊ ने यूपी के पुलिस कमिश्नरी वाले जिलों के पुलिस आयुक्तों और गोरखपुर, अयोध्या और मथुरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने जिलों में ड्रोन संचालकों और विक्रेताओं का पंजीकरण अभियान चलाएं ।
🔹 ड्रोन उपयोग पर अब नज़र रखेगी सरकार
योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश में ड्रोन उड़ाने वालों के लिए एक नया नियम लागू किया है। अब राज्य में कोई भी व्यक्ति या संस्था बिना उचित पंजीकरण और अनुमति के ड्रोन नहीं उड़ा सकेगी। जैसे ही कोई ड्रोन उड़ाया जाएगा, उसकी जानकारी और उपयोगकर्ता का डेटा सीधे राज्य सरकार के निगरानी पोर्टल पर दर्ज होगा।
इस नई व्यवस्था के तहत, ड्रोन खरीदने वाले हर व्यक्ति का नाम, पता, पहचान पत्र और ड्रोन का सीरियल नंबर ऑनलाइन दर्ज करना अनिवार्य किया गया है। यह डेटा गृह विभाग द्वारा संचालित केंद्रीकृत ड्रोन मॉनिटरिंग सिस्टम में सुरक्षित रहेगा।
🔹 उद्देश्य: सुरक्षा और ट्रैकिंग को बनाना आसान
सरकार के अनुसार, ड्रोन का दुरुपयोग कई बार देखा गया है — चाहे वह प्रतिबंधित क्षेत्रों की फोटोग्राफी हो या अवैध सर्वे। इसीलिए, अब राज्य स्तर पर सभी ड्रोन की रीयल-टाइम ट्रैकिंग की व्यवस्था की जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि “नए नियमों से किसी भी संदिग्ध उड़ान को तुरंत ट्रैक किया जा सकेगा। हर ड्रोन को एक यूनिक पहचान संख्या (UID) दी जाएगी, जिससे उसका लोकेशन और उड़ान डेटा रडार पर देखा जा सके।”
🔹 जिलों को दिए गए सख्त निर्देश
गृह विभाग ने आदेश जारी कर कहा है कि हर ड्रोन डीलर और खरीदार का विवरण जिला प्रशासन के साथ साझा किया जाए। बिना अनुमति ड्रोन उड़ाने वाले पर कार्रवाई होगी। साथ ही, जिले के पुलिस कप्तानों को भी ड्रोन ट्रैकिंग पोर्टल से जुड़ने का निर्देश दिया गया है ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत प्रतिक्रिया दी जा सके।
🔹 सुरक्षा एजेंसियों को होगा फायदा
यह कदम सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित होगा। किसी भी धार्मिक समारोह, वीआईपी मूवमेंट या बड़े आयोजन में अब उड़ते ड्रोन की पहचान आसान होगी। सूत्रों के अनुसार, सरकार चाहती है कि राज्य में उपयोग हो रहे सभी ड्रोन का डिजिटल नक्शा तैयार किया जाए जिससे किसी भी सुरक्षा जोखिम की स्थिति में उनका डेटा तुरंत एक्सेस किया जा सके।
🔹 नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई
अगर कोई व्यक्ति बिना पंजीकरण के ड्रोन उड़ाता पकड़ा गया, तो उस पर जुर्माना और ड्रोन जब्ती की कार्रवाई की जाएगी। गृह विभाग ने इस नियम को “सार्वजनिक सुरक्षा और गोपनीयता की रक्षा” से जोड़ा है।


























































































































































































































































































































































































































