● देवरिया में मंदिर, घाट का रास्ता बंद: ग्रामीणों का प्रदर्शन
- ● विरोध का कारण: देवरिया के बसंतपुर धूसी गांव में शिव मंदिर, छठ घाट और श्मशान घाट जाने वाले रास्ते पर कुछ लोगों द्वारा **अवैध कब्जा** किए जाने का आरोप है।
- ● मार्ग का उपयोग: यह मार्ग **धार्मिक अनुष्ठानों और अंतिम संस्कार** जैसे सामाजिक कार्यों के लिए वर्षों से उपयोग किया जाता रहा है।
- ● पुलिस हस्तक्षेप: तरकुलवा थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और **उचित कार्रवाई का आश्वासन** देकर स्थिति को नियंत्रित किया।
- ● भूमि की प्रकृति: सभासद और पूर्व प्रधान के अनुसार, विवादित भूमि **गांव सभा की चकरोड** थी, जिस पर अवैध कब्जा किया गया है।
- ● प्रशासनिक जांच: थानाध्यक्ष मृत्युंजय राय ने बताया कि प्रकरण **राजस्व विभाग** को सौंप दिया गया है, जो जल्द ही मौके पर पहुंचकर जमीन की जांच कर कब्जे का निस्तारण करेगा।
धार्मिक रास्ते पर अवैध कब्जे का विरोध
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के तरकुलवा थाना क्षेत्र अंतर्गत बसंतपुर धूसी गांव में रविवार शाम को ग्रामीणों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध का मुख्य कारण गांव के शिव मंदिर, छठ घाट और श्मशान घाट तक जाने वाले मार्ग को बंद किया जाना था। आक्रोशित ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के ही कुछ प्रभावशाली लोगों ने इस वर्षों पुराने रास्ते पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है, जिससे ग्रामीणों की आवाजाही में भारी असुविधा हो रही है।
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पूजा और अंतिम संस्कार में बाधा
• प्रदर्शनकारियों ने बताया कि यह मार्ग न केवल दैनिक आवाजाही के लिए, बल्कि धार्मिक अनुष्ठानों (जैसे छठ पूजा) और अंतिम संस्कार जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों के लिए भी सदियों से उपयोग किया जाता रहा है।
• रास्ते पर कब्जे के कारण अब पूजा-पाठ और विशेष रूप से शवों को श्मशान घाट तक ले जाने में बड़ी दिक्कतें आ रही हैं।
• आक्रोशित ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए प्रशासन से शीघ्र रास्ता खुलवाने की मांग की।
पुलिस और राजस्व विभाग की कार्रवाई
• सूचना मिलते ही तरकुलवा थाने की पुलिस टीम तत्काल मौके पर पहुंची। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें शांत कराया। इस दौरान माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया था, लेकिन पुलिस के हस्तक्षेप से स्थिति नियंत्रित हुई।
• सभासद विवेक कुशवाहा और पूर्व ग्राम प्रधान सुरेश कुशवाहा ने आरोप लगाया कि कब्जा की गई भूमि वास्तव में गांव सभा की चकरोड थी।

























































































































































































































































































































































































































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