जागृत भारत। देवरिया जिले के महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में सोमवार सुबह बड़ा हादसा सामने आया। अस्पताल की पानी की टंकी में एक युवक का सड़ा-गला शव मिला, जबकि इसी टंकी का पानी मरीजों और कर्मचारियों को पीने के लिए सप्लाई किया जा रहा था। युवक के हाथ में निडिल (सुई) लगी हुई थी, जिससे आशंका जताई जा रही है कि वह अस्पताल का कोई मरीज हो सकता है।
पानी में बदबू आने पर हुआ खुलासा
सुबह मरीजों और तीमारदारों ने पानी में बदबू की शिकायत की। शुरुआत में कर्मचारियों ने इसे मामूली माना, लेकिन दुर्गंध बढ़ने पर सप्लाई लाइन की जांच की गई। जब छठी मंजिल पर स्थित पानी की टंकी का ढक्कन खोला गया, तो अंदर एक फूला हुआ शव तैरता मिला। इसके बाद पूरे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई।
मरीजों ने पीने से किया इनकार
घटना की जानकारी फैलते ही वार्ड, ओपीडी और हॉस्टल में भर्ती मरीजों में हड़कंप मच गया। लोगों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए पानी पीने से इनकार कर दिया। कई मरीजों ने बताया कि तीन दिन से पानी में बदबू आ रही थी, लेकिन किसी ने शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया।
रुद्रपुर से इलाज कराने आए मरीज रामदीन ने कहा, “हम तीन दिन से यहां भर्ती हैं। पानी में पहले से बदबू थी, पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। अब पता चला कि टंकी में लाश थी — यह सोचकर डर लग रहा है कि हम वही पानी पी रहे थे।”
शव निकालने में फोरेंसिक टीम को भी आई दिक्कत
सूचना मिलने पर सदर कोतवाली पुलिस, क्राइम ब्रांच और फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंची। शव को निकालने की कोशिश की गई, लेकिन शव की त्वचा गल चुकी थी, जिससे छूते ही फटने लगी। इसके चलते पुलिस ने अब टंकी तोड़कर शव निकालने का निर्णय लिया है।
फोरेंसिक टीम ने टंकी के पानी और आसपास की मिट्टी के नमूने जांच के लिए लिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि शव वहां कब से था और पानी की गुणवत्ता कितनी प्रभावित हुई। पुलिस के अनुसार, शव की पहचान अभी नहीं हो सकी है और यह कई सप्ताह पुराना प्रतीत हो रहा है।
पूरे मेडिकल कॉलेज को किया गया सैनिटाइज
घटना के बाद प्रशासन ने पूरी पानी आपूर्ति बंद कर दी है। जल निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने टंकी खाली कराकर परिसर को सैनिटाइज किया। पानी के नमूने लखनऊ स्थित राज्य प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। रिपोर्ट आने तक अस्पताल में वैकल्पिक पानी की व्यवस्था की गई है।
अस्पताल प्रशासन ने दी सफाई
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. राजेश कुमार बरनवाल ने कहा —
“जैसे ही सूचना मिली, हमने तुरंत पुलिस और फोरेंसिक टीम को बुलाया। पानी की सप्लाई तुरंत बंद कर दी गई है और सभी वार्डों में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। यह जांच की जा रही है कि शव टंकी में कैसे पहुंचा।”
लापरवाही पर उठे सवाल
इस भयावह घटना ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मरीजों और उनके परिजनों ने आरोप लगाया कि यदि पानी की बदबू की शिकायत समय पर सुनी जाती, तो यह स्थिति नहीं बनती।


























































































































































































































































































































































































































