● लंपी के प्रकोप से पशुपालक परेशान
- ● क्षेत्र: देवरिया जिले के भाटपार रानी क्षेत्र में पशुओं में लंपी बीमारी का प्रकोप।
- ● गंभीरता: यह बीमारी अनेक गांवों में पशुओं के लिए **जानलेवा** साबित हो चुकी है, जिससे पशुपालक परेशान हैं।
- ● सरकारी प्रयास: विकासखंड के पशु चिकित्सकों की टीम गाँवों में घूमकर **निरोधक टीके** लगा रही है और दवाएँ उपलब्ध करा रही है।
- ● वैकल्पिक उपचार: अनेक पशुपालक आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं का भी सहारा ले रहे हैं।
- ● अधिकारी की सलाह: पशु चिकित्सा अधिकारी सुशील कुमार ने **इम्यूनिटी वर्धक** और **मच्छर रोधी** दवाओं के प्रयोग को आवश्यक बताया, साथ ही कहा कि **आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिक कारगर** होती है।
जागृत भारत | देवरिया। देवरिया जिले के भाटपार रानी क्षेत्र में पशुओं के अंदर फैल रही लंपी बीमारी से अनेक गांवों के पशुपालक काफी परेशान हैं। यह बीमारी कई गांवों में पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो चुकी है।
प्रशासनिक उपाय:
विकासखंड के पशु चिकित्सकों की टीम इस वायरल बीमारी की रोकथाम के लिए गाँवों में लगातार घूम रही है।
टीकाकरण और दवा:
टीम प्रभावित पशुओं को निरोधक टीके लगाने और पशुपालकों को आवश्यक दवाएँ व चेतावनी देने का काम करने में जुटी हुई है।
आयुर्वेदिक उपचार: वहीं, सरकारी प्रयासों के साथ-साथ अनेक पशुपालक आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करते भी देखे गए हैं।
पशु चिकित्सा अधिकारी भाटपार रानी सुशील कुमार ने इस बीमारी के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी है:
बीमारी का स्वरूप:उन्होंने बताया है कि पशुओं के अंदर लंपी बीमारी एक वायरल बीमारी है।
रोकथाम के उपाय: इसकी रोकथाम के लिए इम्यूनिटी वर्धक और मच्छर रोधी दवाओं का प्रयोग करना अति आवश्यक है।
कारगर चिकित्सा: अधिकारी ने यह भी बताया कि इस बीमारी के उपचार में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिक कारगर होती है।
























































































































































































































































































































































































































