देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में रविवार को हुई मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया। अचानक हुई तेज़ वर्षा और बाढ़ जैसे हालातों ने लोगों को हैरान कर दिया। कई क्षेत्रों में पानी इतना भर गया कि सड़कों पर नदियों जैसा नज़ारा देखने को मिला।
भारी बारिश से तबाही
लगातार हुई बारिश से कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया। दुकानों और घरों में पानी घुस गया, जिससे लोगों को भारी नुकसान हुआ। कई जगहों पर सड़कें टूट गईं और वाहनों को बहते हुए भी देखा गया। प्रशासन को तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करना पड़ा।
क्या है वजह?
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की आपदाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन (Climate Change) और तेज़ हवाओं का बड़ा हाथ है।
- पिछले कुछ वर्षों में उत्तराखंड में मानसून के दौरान अत्यधिक वर्षा और बादल फटने जैसी घटनाएँ तेज़ी से बढ़ी हैं। 
- ग्लोबल वार्मिंग की वजह से वायुमंडल में नमी का स्तर बढ़ जाता है, जिसके कारण अचानक तेज़ और भारी वर्षा होती है। 
- तेज़ हवाओं और असामान्य दबाव प्रणाली के चलते देहरादून में बादल जमकर बरसे। 
प्रशासन की ओर से अलर्ट
देहरादून प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और नदियों-नालों के पास न जाएँ। आपदा प्रबंधन दल और NDRF की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में तैनात कर दी गई हैं।
स्थानीय लोगों की परेशानी
राहगीरों और स्थानीय निवासियों का कहना है कि अचानक आई इस बारिश ने उन्हें भयभीत कर दिया। कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना पड़ा है। बच्चों और बुजुर्गों को पानी से भरे इलाकों से निकालने के लिए बचाव दलों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।
विशेषज्ञों की चेतावनी
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्यों में इस तरह की घटनाएँ और बढ़ सकती हैं।


























































































































































































































































































































































































































