🔴 मुख्य बिंदु (Highlights)
- सीएम योगी ने हर घर नल योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए
- फेज-1 और फेज-2 15 दिसंबर 2025 तक पूरी होनी चाहिए
- फेज-3 को मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य
- 90% कार्य पूर्ण पर 15 दिसंबर तक, 75% कार्य मार्च तक समाप्त
- निगरानी में कोई समझौता नहीं होगा — गुणवत्ता व समयसीमा दोनों पर जोर
जागृत भारत | लखनऊ | उत्तर प्रदेश, 12 अक्टूबर 2025 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को “हर घर नल योजना” की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को फेज-1 और 2 के काम 15 दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने के सख्त निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने यह लक्ष्य दिया कि फेज-3 को मार्च 2026 तक पूरी तरह सम्पन्न होनी चाहिए।
लक्ष्य और समयसीमा
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परियोजनाओं में काम 90% तक पूरा हो चुका है, उन्हें 15 दिसंबर तक पूरी तरह निष्पादित किया जाए। 
- उन कार्यों का, जो अभी लगभग 75% तक पूर्ण हैं, उन्हें मार्च 2026 तक समाप्त किया जाए। 
- विंध्य एवं बुंदेलखंड क्षेत्रों के हर घर तक जल पहुँचाने की यह योजना समय और गुणवत्ता, दोनों पर kompromiss नहीं करेगी। 
🎯 योजना का महत्व और संभावित प्रभाव
मुख्यमंत्री ने जोर दिया कि यह योजना केवल नल के माध्यम से जल आपूर्ति नहीं है, बल्कि जन स्वास्थ्य, महिलाओं की गरिमा, और ग्रामीण जीवन स्तर को सुधारने का अभियान है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मिशन की समयसीमा व गुणवत्ता पर किसी भी स्तर पर समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि संसाधन की कमी हो, तो प्रदेश स्तर से मदद दी जाएगी।
इस समीक्षा बैठक में नामामी गंगे, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग, जल निगम, तथा निर्माण एजेंसियों जैसे NCC, L&T, PNC Infratech आदि के प्रतिनिधि मौजूद थे। उन्होंने कार्यस्थल चुनौतियों, भुगतान बकाया और शेष कार्यों की स्थिति पर चर्चा की।
📊 वर्तमान स्थिति और आंकड़े
- उत्तर प्रदेश में लगभग 611 जल परियोजनाएँ (सतही एवं भूजल स्रोत आधारित) ₹ 90,223 करोड़ की लागत से लागू हो रही हैं। 
- अब तक 85,364 गांवों में 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन प्रदान किया गया है। 
- उनमें से 34,274 गांवों में नियमित जल आपूर्ति हो रही है। 
- इस बीच, जल शिकायत निवारण पोर्टल (Jal Samadhan) में 62,688 शिकायतें आईं, जिनमें से 46,354 शिकायतों का निपटारा किया गया। 
✅ चुनौतियाँ और आगे का रास्ता
इस योजना को कार्यरूप देने के लिए निम्न चुनौतियों पर ध्यान देना आवश्यक है:
- भौगोलिक एवं भौतिक कठिनाइयाँ, जैसे दुर्गम इलाकों में पाइपलाइन बिछाना 
- भुगतान और धनराशि बकाया एजेंसियों को समय पर देना 
- मानक गुणवत्ता नियंत्रण, ताकि नल की कनेक्शन लीक न हों 
- समय पर ऑडिट और निगरानी, ताकि भ्रष्टाचार या अनियमितता रोकी जा सके 
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कहीं काम में देरी होगी, तो संबंधित अधिकारियों एवं एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


























































































































































































































































































































































































































