पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन (RJD, कांग्रेस और अन्य सहयोगी दल) ने अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को साधने के लिए एक बड़ा चुनावी संकल्प पत्र जारी किया है। ‘न्याय संकल्प’ नाम से जारी इस घोषणा पत्र में महागठबंधन ने अति पिछड़ों के लिए 10 अहम वादे किए हैं, जिनमें सामाजिक न्याय, आरक्षण और आर्थिक सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है।
🛡️ अत्याचार रोकने के लिए नया कानून
महागठबंधन ने ऐलान किया है कि सत्ता में आने पर अति पिछड़ों पर हो रहे भेदभाव और हिंसा को रोकने के लिए एक विशेष कानून – ‘EBC अत्याचार निवारण अधिनियम’ लाया जाएगा। इस कानून का उद्देश्य अति पिछड़ा वर्ग को कानूनी सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें समान अधिकार दिलाना होगा।
📊 आरक्षण में बढ़ोतरी
घोषणा पत्र में कहा गया है कि पंचायत और शहरी निकायों में अति पिछड़ा वर्ग को मिलने वाला आरक्षण 20% से बढ़ाकर 30% किया जाएगा। इससे स्थानीय स्तर पर उनकी राजनीतिक भागीदारी और प्रतिनिधित्व मजबूत होगा।
🏡 भूमिहीनों को जमीन
महागठबंधन ने वादा किया है कि जिन अति पिछड़े परिवारों के पास घर बनाने के लिए जमीन नहीं है, उन्हें सरकारी योजना के तहत आवासीय भूखंड उपलब्ध कराया जाएगा।
🎓 शिक्षा और रोजगार पर फोकस
‘न्याय संकल्प’ में शिक्षा और रोजगार को भी अहम स्थान दिया गया है।
- अति पिछड़े छात्रों को विशेष छात्रवृत्ति और सहायता कोष उपलब्ध कराया जाएगा। 
- सरकारी नौकरियों में अति पिछड़े उम्मीदवारों के लिए आरक्षण के प्रावधानों को और मजबूत किया जाएगा। 
- कौशल विकास और स्वरोजगार योजनाओं को भी अति पिछड़े युवाओं तक पहुंचाने का वादा किया गया है। 
⚡ राजनीतिक संदेश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम बिहार के चुनावी समीकरण में बड़ा बदलाव ला सकता है। अति पिछड़ा वर्ग राज्य की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाता है और महागठबंधन का यह दांव बीजेपी और जेडीयू की चुनौती बढ़ा सकता है।
👉 कुल मिलाकर, ‘न्याय संकल्प’ के जरिए महागठबंधन ने स्पष्ट संकेत दिया है कि इस बार चुनावी रणनीति का केंद्र अति पिछड़ा वर्ग होगा।
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