बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने शनिवार, 4 अक्टूबर 2025 को चुनाव आयोग (ECI) से मांग की कि चुनाव को न्यूनतम चरणों में संपन्न कराया जाए।
यह मांग राजनीतिक पार्टियों ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और निर्वाचन आयुक्त विवेक जोशी तथा सुखबीर सिंह संधू से मुलाकात के दौरान की।
ECI की टीम शुक्रवार रात (3 अक्टूबर) को पटना पहुँची थी, और दो दिन की यात्रा पर राज्य में चुनाव तैयारियों की समीक्षा कर रही थी। पहले दिन ECI ने राज्य की 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, जिनमें छह राष्ट्रीय और छह क्षेत्रीय पार्टियां शामिल थीं।
चुनाव चरण और सुरक्षा पर सुझाव:
बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल ने प्रेस से बातचीत में बताया कि पार्टियों ने सुझाव दिया कि छठ पूजा के बाद चुनाव कराए जाएँ ताकि मतदाता सहभागिता बढ़ सके। उन्होंने कहा, “कुछ गाँवों में मतदान से पहले एक या दो दिन पूर्व पैरामिलिट्री बलों का फ्लैग मार्च कराने का सुझाव दिया गया ताकि लोगों का आत्मविश्वास बढ़े। नदी किनारे वाले क्षेत्रों में घुड़सवारी गश्त की व्यवस्था की जाए क्योंकि वहां बूथ कब्जा की संभावना अधिक होती है।”
जायसवाल ने कहा कि “चुनाव को एक या अधिकतम दो चरणों में संपन्न कराया जाना चाहिए ताकि उम्मीदवारों का खर्च कम हो और संस्थानों पर भी असर न्यूनतम हो। बुर्का पहने महिला मतदाताओं के चेहरे का मिलान मतदान के समय महिला अधिकारियों द्वारा उनके वोटर ID कार्ड से होना चाहिए, ताकि केवल वास्तविक मतदाता मतदान कर सकें।” उन्होंने यह भी कहा कि मतदान की तिथियाँ घोषणा के 28 दिन बाद रखी जाएँ।
अन्य पार्टियों की मांग:
- जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि मतदान छठ पूजा के बाद एक ही चरण में संपन्न होना चाहिए। 
- RJD ने दो चरणों में मतदान करने की मांग की। RJD के राष्ट्रीय महासचिव चित्रंजन गगन और लोकसभा सदस्य अभय कुशवाहा ने बैठक में उपस्थित होकर 3.66 लाख मतदाताओं के नाम हटाए जाने और 21.53 लाख नए मतदाताओं की जानकारी जारी करने की मांग की। उन्होंने यह भी पूछा कि नए जोड़े गए मतदाता वास्तव में नए हैं या पहले सूची से हटाए गए थे। 
ECI की अपील:
चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों से कहा कि वे हर मतदान केंद्र पर अपने एजेंटों की नियुक्ति करना न भूलें।
इस बैठक में राजनीतिक पार्टियों ने मतदाता सुरक्षा, चुनाव निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुनिश्चित करने के लिए अपने सुझाव साझा किए। यह स्पष्ट रूप से देखा गया कि राज्य की पार्टियां चुनाव को एक या दो चरणों में और सुरक्षित वातावरण में कराए जाने की ओर जोर दे रही हैं।



























































































































































































































































































































































































































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