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मुफ्ती की डांट से नाराज़ दो नाबालिगों ने मस्जिद में की तीन जघन्य हत्याएं; हथियार बरामद

Published on: October 12, 2025
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बागपत, 12 अक्टूबर 2025 उत्तरी उत्तर प्रदेश के बागपत ज़िले के गांगनौली क्षेत्र में एक सदमे वाले हत्याकांड ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। मस्जिद परिसर में पढ़ने वाले दो नाबालिगों ने कथित रूप से मुफ्ती की डांट से नाराज़ होकर मुफ्ती की पत्नी व दो बेटियों की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपियों के पास से हथियार भी बरामद किए हैं।

घटना की रूपरेखा

रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों में मुफ्ती इब्राहीम की पत्नी इसराना और उनकी बेटियाँ सोफिया व सुमाइया शामिल हैं।दोनों आरोपी, जिनकी उम्र लगभग 15–16 वर्ष बताई जा रही है, मस्जिद में पढ़ने आते थे। इब्राहीम अक्सर उन्हें डांटते और शालीनता बनाए रखने की नसीहत देते थे। इन नसीहतों को वे बर्दाश्त नहीं कर पाए और उन्होंने बदला लेने की ठानी।

पुलिस ने DVR (सुरक्षा कैमरा रिकॉर्डर) की जांच कर निकाला कि घटना के वक्त कैमरा बंद किया गया था और एक नाबालिग को घटनास्थल पर जाते हुए देखा गया था। पूछताछ पर उसने बताया कि उसने बिसौली गांव से उस उपकरण (हथौड़े जैसे औज़ार) को लाया था, जिसका इस्तेमाल हत्याओं में हुआ।

कैसे अंजाम हुआ अपराध?

जब मुफ्ती इब्राहीम देवबंद गए हुए थे, आरोपी दिन में मस्जिद पहुंचे। उन्होंने नीचे रखी बिसौली (हथौड़े समान उपकरण) घर से उठाई और योजना बनाई। पहले इसराना पर वार किया गया, और फिर बेटियों को भी मार दिया गया। हत्या के बाद वे आसपास ही चले फिरते रहे, ताकि शक न हो।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी

एसपी सूरज कुमार राय ने बताया कि DVR फुटेज और जांच के बाद आरोपियों की पहचान हुई। हथियार बरामद कर लिए गए और दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया। पुलिस इस मामले की और गहरी छानबीन कर रही है — यह पता लगाने की कोशिश कि क्या यह सिर्फ व्यक्तिगत घटना है या कहीं किसी साजिश का हिस्सा।

सामाजिक और कानूनी दृष्टिकोण

यह घटना नाबालिगों की संगीन हिंसा की भयावहता को सामने लाती है। मुस्लिम धार्मिक संस्थानों में शिक्षा लेते वक्त यदि अनुशासनात्मक नसीहतें दी जाएं, तो उनका गलत भावनात्मक प्रतिक्रिया न उभर आए — इस मामले में नसीहत दुखद रूप से हिंसा में बदल गई।
न्याय व्यवस्था पर दायित्व है कि वो ऐसे मामले में तेजी से कार्रवाई करे और परिवारों को न्याय दिलाए। ग्रामीण क्षेत्रों में नाबालिग अपराधों के मामलों में मातृत्व / पितृत्व व सामाजिक नियंत्रण की भूमिकाएँ भी पुनर्जीवित होती हैं।

Highlights (उल्लेखनीय बिंदु)

  • बागपत जिले की गांगनौली मस्जिद परिसर में हुए भयानक Tragedy — मुफ्ती की नसीहत से नाराज दो नाबालिगों ने तीन लोगों की हत्या की।

  • मृतकों में मुफ्ती की पत्नी इसराना और दो बेटियाँ सोफिया व सुमाइया शामिल थीं।

  • आरोपियों की उम्र 15–16 वर्ष बताई जा रही है।

  • पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथौड़े जैसे उपकरण बरामद किए, और DVR फुटेज से आरोपियों की पहचान की।

  • मामला लगभग तब सामने आया जब मुफ्ती इब्राहीम देवबंद गए थे — आरोपी रात में घटनास्थल पर उपस्थिति दर्ज कर बच निकलने की योजना बना चुके थे।

निष्कर्ष

मुफ्ती की डांट से नाराज़ यही दो नाबालिग, जो धार्मिक पठन के लिए मस्जिद जाते थे, अचानक हत्या की दुनिया में उतर गए। यह घटना हमारी सामाजिक संरचना, धार्मिक संस्थानों में व्यवहार और कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े करती है। आने वाले दिनों में यह देखने योग्य होगा कि पुलिस आरोपियों पर कितनी सख्ती से कार्रवाई करती है, और क्या इस घटना से धार्मिक शिक्षण संस्थानों में अनुशासन संबंधी विचारों पर पुनर्विचार होगा।

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