जागृत भारत, रामपुर। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद बड़ी राहत मिली है। पूरे 23 महीने जेल में बिताने के बाद उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज 72 मामलों में ज़मानत मंजूर कर ली है। इसके साथ ही जेल के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई है। सुरक्षा के मद्देनज़र पुलिस बल की तैनाती बढ़ा दी गई है। कागज़ी कार्रवाई पूरी होते ही आज़म खान जेल से बाहर आ जाएंगे। उन्हें लेने के लिए उनका बेटा अदीब आज़म पहले ही जेल पहुंच चुका है।
आजम खान पर कुल 104 मामले दर्ज हैं। इनमें से 12 मामलों में फैसला आ चुका है—कुछ में उन्हें सज़ा मिली, तो कुछ में बरी कर दिया गया। 18 अक्तूबर 2023 को जेल भेजे गए आज़म को पहले रामपुर जेल में रखा गया था, बाद में उन्हें सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया गया था।
विवादों से गहरा नाता
आजम खान का नाम हमेशा विवादों में रहा है। सदन में महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी, अधिकारियों से दुर्व्यवहार और चुनावी रैलियों में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने जैसे आरोप उन पर लगते रहे हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने दो बार उनके प्रचार पर रोक भी लगाई थी, बावजूद इसके वे विजयी रहे।
साल 2022 में भड़काऊ भाषण देने पर उन्हें दो साल की सज़ा सुनाई गई थी, जिसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता भी चली गई।
डूंगरपुर प्रकरण (2019) में भी आज़म खान पर कई गंभीर आरोप लगे। मुकदमों में आरोप है कि उनके इशारे पर लोगों से जबरन मकान खाली कराए गए, तोड़फोड़ की गई और मारपीट के साथ लूटपाट भी हुई।
फिलहाल, सभी लंबित 72 मामलों में जमानत मिलने के बाद आज़म खान की रिहाई तय हो गई है।
























































































































































































































































































































































































































