जागृत भारत | लखनऊ(Lucknow) : उत्तर प्रदेश को विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान (SIR) में शामिल किए जाने के कारण, इसका असर आगामी पंचायत चुनाव की तैयारियों पर पड़ना तय माना जा रहा है। लोकसभा-विधानसभा और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए भले ही मतदाता सूचियाँ अलग-अलग होती हैं, लेकिन इन सूचियों को अपडेट करने की ज़िम्मेदारी उठाने वाले निचले स्तर के कर्मचारी (बूथ लेवल ऑफिसर – BLO) कॉमन होते हैं। इस दोहरे कार्यभार के कारण पंचायत चुनाव की तय समय सारणी में दिक्कतें आना तय माना जा रहा है।
मतदाता सूची और SIR की समय सीमा में टकराव
उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अगले साल अप्रैल-मई में होने हैं। वर्तमान में, पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूचियों को अपडेट करने का काम चल रहा है:
- अनंतिम सूची: मतदाता सूची का मसौदा (अनंतिम सूची) 5 दिसंबर को प्रकाशित होगा।
- फाइनल सूची: अंतिम मतदाता सूची 15 जनवरी 2026 को प्रकाशित करने की घोषणा की गई है।
इन कार्यों के बीच, 28 अक्टूबर से 7 फरवरी के बीच SIR (विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान) का काम भी पूरा करना होगा। चूंकि दोनों तरह की मतदाता सूचियों के लिए बीएलओ कॉमन हैं, इसलिए काम का भारी भार उनके कंधों पर आ गया है। जानकारों का कहना है कि स्थानीय प्रशासन को अतिरिक्त बीएलओ तैनात करके जिम्मेदारियों को बांटने जैसे तरीके निकालने होंगे।
क्या पंचायत चुनाव टल सकते हैं?
काम के दबाव के बावजूद, पंचायत चुनाव को अधिक समय के लिए टालना मुश्किल माना जा रहा है। पंचायतीराज विभाग के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया:
- कानूनी सीमा: पंचायतीराज अधिनियम के अनुसार, ये चुनाव पंचायतों का कार्यकाल खत्म होने के छह माह पहले या बाद तक कराए जा सकते हैं।
- वित्तीय और राजनीतिक बाध्यता: छह माह से ज्यादा चुनाव टालने पर केंद्र सरकार से मिलने वाली वित्तीय सहायता रुक जाएगी। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश में वर्ष 2027 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव भी होने हैं, जिसे देखते हुए पंचायत चुनावों को ज्यादा टालना राजनीतिक रूप से मुमकिन नहीं होगा।
इसलिए, अधिकारियों को इन सब स्थितियों के बीच ही दोनों अभियानों को सफलतापूर्वक पूरा करने का समाधान ढूँढना होगा ताकि चुनाव तय समय पर कराए जा सकें।


























































































































































































































































































































































































































