भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने शुक्रवार को पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान अपनी राज्य प्रायोजित आतंकवादी गतिविधियों को जारी रखता है, तो उसे “दुनिया के नक्शे पर अपनी जगह पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है।”
राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के अनूपगढ़ के अग्रिम क्षेत्र में जवानों को संबोधित करते हुए जनरल द्विवेदी ने ऑपरेशनल तैयारी का जायजा लिया और सैनिकों से हर परिस्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा,
“इस बार भारत पूरी तरह तैयार है और हम वह संयम नहीं दिखाएंगे जो ऑपरेशन सिंदूर 1.0 के दौरान दिखाया गया था। इस बार हम एक कदम आगे बढ़ेंगे और ऐसी कार्रवाई करेंगे जिससे पाकिस्तान को सोचना पड़ेगा कि वह दुनिया के नक्शे पर बने रहना चाहता है या नहीं।”
उन्होंने जवानों से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा, “अपने आपको हर समय पूरी तरह तैयार रखो। यदि ईश्वर ने अवसर दिया, तो वह समय जल्द आ सकता है।”
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र
जनरल द्विवेदी ने अप्रैल 22 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान के अंदर 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था — जिनमें से 7 पर थल सेना और 2 पर वायु सेना ने कार्रवाई की थी। उन्होंने स्पष्ट किया,
“हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमारा पाकिस्तान के आम नागरिकों से कोई विवाद नहीं है। लेकिन जब तक यह देश आतंकवाद को संरक्षण देगा, हम उसे समर्थन देने वालों को निशाना बनाते रहेंगे।”
पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश
सेना प्रमुख ने कहा कि इस बार भारत ने नष्ट किए गए सभी ठिकानों के सबूत प्रस्तुत किए, ताकि पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब किया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि इस बार इस्लामाबाद द्वारा जारी casualty लिस्ट में गलती से 100 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों की मौत की जानकारी भी सामने आ गई, इसके अलावा बड़ी संख्या में आतंकवादी भी मारे गए।
अंतरराष्ट्रीय समर्थन और तकनीकी आधुनिकीकरण
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत को वैश्विक समर्थन मिला है और दुनिया ने यह स्वीकार किया कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करना भारत का अधिकार है।
अपने दौरे के दौरान उन्होंने वरिष्ठ नेतृत्व, पूर्व सैनिकों, नागरिक गणमान्य व्यक्तियों और जवानों से बातचीत की। उन्होंने सेना के आधुनिकीकरण, तकनीकी उन्नयन और परिचालन उत्कृष्टता के संकल्प को दोहराया। विशेष रूप से उन्होंने मानवरहित हवाई प्रणाली (UAS) और काउंटर-UAS क्षमताओं को शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि बदलते खतरों का सामना किया जा सके।
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नागरिकों की भूमिका
जनरल द्विवेदी ने कहा कि इतिहास गवाह है कि 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान भारत के आम नागरिक सैनिकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े थे। उन्होंने कहा,
“हम आने वाले दिनों में भी नागरिकों की इसी भागीदारी की अपेक्षा रखते हैं। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं — उनका उत्साह सैनिकों के मनोबल को बढ़ाता है।”


























































































































































































































































































































































































































