जागृत भारत, दिल्ली: इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित करीब 300 साल पुराने गांव मेहरम नगर के अस्तित्व पर संकट गहराने लगा है। राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने ग्रामीणों को 30 सितंबर तक गांव खाली करने का अल्टीमेटम दिया था। हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल इस नोटिस पर रोक लगा दी है। बावजूद इसके, एनएसजी ने एक बार फिर गांव को खाली करने का नोटिस चिपकाया, जिससे ग्रामीण नाराज हो गए हैं और एनएसजी व सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं।
महापंचायत और ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
एनएसजी के फैसले के विरोध में गांव में शनिवार से दो दिवसीय महापंचायत का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। महापंचायत में सर्वसम्मति से यह मांग उठाई गई कि एनएसजी अपना आदेश वापस ले और इस ऐतिहासिक गांव को उजड़ने से बचाया जाए। आंदोलन को ताकत देने के लिए आसपास की 36 बिरादरी और 360 गांवों के प्रधान भी मेहरम नगर के समर्थन में खड़े हुए।
गांव की महिलाएं भी इस संघर्ष में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “यह हमारी पांचवीं पीढ़ी है जो यहां रह रही है। एनएसजी तो अभी आई है, लेकिन हम सदियों से यहां बसे हुए हैं। अपने घरों को छोड़ने से बेहतर है कि हम बुलडोज़र के आगे लेट जाएं।” ग्रामीणों का कहना है कि वे किसी भी हाल में अपने घर नहीं छोड़ेंगे और अदालत से न्याय की उम्मीद रखते हैं।
इतिहास और दस्तावेजों का दावा
गांव के निवासी सोनू प्रजापति ने पुराने नक्शे और दस्तावेज पेश करते हुए बताया कि मेहरम नगर का इतिहास 300 साल पुराना है। उनके अनुसार 1909 और उससे पहले के कागजात भी गांव की मौजूदगी को प्रमाणित करते हैं। प्रजापति का कहना है कि 1986 में एनएसजी यहां आई, लेकिन तब से यह गांव लगातार बसा हुआ है।
एनएसजी द्वारा जारी नोटिस के विरोध में गांव में पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। ग्रामीण खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और अपने अस्तित्व को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं।



























































































































































































































































































































































































































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