अयोध्या जिले के बहादुर सपूत लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी सिक्किम में शहीद हो गए। दरअसल, ड्यूटी के दौरान उनके एक साथी जवान का पैर फिसल गया और वह नदी में गिर पड़े। लेफ्टिनेंट शशांक ने बिना समय गंवाए साथी को बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी। उन्होंने अपने साथी की जान तो बचा ली, लेकिन खुद वीरगति को प्राप्त हो गए। उनकी शहादत की खबर मिलते ही पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जताया शोक
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शहीद लेफ्टिनेंट शशांक को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि “अयोध्या के इस लाल ने देश की पूर्वोत्तर सीमा की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी है। प्रदेश को उन पर गर्व है।” मुख्यमंत्री ने शहीद के परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी, जो अब उनकी मां के खाते में भेज दी गई है। इसके साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और शहीद की याद में स्मारक बनाए जाने की बात भी कही गई है।
शौर्य की मिसाल बने शशांक
लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी का बलिदान न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है। एक सच्चे सैनिक की तरह उन्होंने अपने साथी की जान बचाते हुए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि “भारत के वीर जवान जिस साहस और दृढ़ता से देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं, वह हर भारतवासी को गर्व की अनुभूति कराता है।”
शहीद शशांक की यह वीरगाथा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनकर रहेगी।
ये भी पढ़ें:– शुभमन गिल ने गुजरात टाइटंस की सफलता का श्रेय आशीष नेहरा को दिया, बताया गेंदबाजी में रहा बड़ा योगदान
- उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- छत्तीसगढ़ की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- खेल की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- अध्यात्म व राशिफलकी बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- राजनीति की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
- अपराध व भ्रष्टाचार की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें