जागृत भारत, कुशीनगर। भगवान कृष्ण जन्माष्टमी के बाद निकलने वाले डोल मेलों में बार-बालाओं के अश्लील नृत्य थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की रोकथाम के दावे इस बार भी बेअसर साबित हो रहे हैं।
जन्माष्टमी के बाद जिलेभर में सैकड़ों स्थानों पर डीजे और झांकियों के साथ डोल निकालकर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। थाना पटहेरवा क्षेत्र में इन कार्यक्रमों की शुरुआत हर साल राखी के दिन से होती है। इस बार भी डोल कार्यक्रमों में बार-बालाओं के भड़काऊ और अश्लील नृत्य खुलेआम हो रहे हैं। आयोजक इन्हें “भीड़ जुटाने का तरीका” बताकर सही ठहराते हैं।

पिछले साल भी मचा था बवाल
बीते वर्ष पटहेरवा, पडरौना, कसया, मथौली, सेवरही और तुर्कपट्टी सहित कई जगहों से अश्लील डांस के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे। इसके बाद विरोध की लहर उठी, लेकिन आयोजकों ने इसे परंपरा का हिस्सा और दर्शक जुटाने का साधन बताया।
इस बार भी दोहराया गया नजारा
राखी के दिन से ही पटहेरवा इलाके में डोल कार्यक्रमों के दौरान अर्धनग्न कपड़ों में भोजपुरी गानों पर नाचती बार-बालाओं के दृश्य सामने आने लगे हैं। धार्मिक आयोजनों में अश्लीलता को लेकर सामाजिक संगठनों में रोष है, लेकिन विरोध करने वालों को धमकियां दी जा रही हैं।
प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस और प्रशासन आंख मूंदकर यह सब देख रहे हैं। कई बार इन डांस कार्यक्रमों के चलते विवाद और मारपीट की घटनाएं भी हो चुकी हैं, फिर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से ऐसे कार्यक्रमों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि धार्मिक आयोजनों की गरिमा बनी रहे।
ये भी पढ़ें:– देवरिया में पार्किंग विवाद के दौरान महिला की मौत, कई संदिग्ध हिरासत में