भारत-नेपाल सीमा पर ऑपरेशन सिंदूर के बाद से सुरक्षा एजेंसियों की ओर से सख्ती बढ़ा दी गई है, जिसके कारण सीमा पार विवाह समारोहों में मुश्किलें आ रही हैं। बुधवार को नेपाल बॉर्डर कनमिसवा से होकर आ रहे मिश्रवलिया निवासी विजयमल गौतम की बरात को परेशानी का सामना करना पड़ा।
सीमा पार करने की चुनौती
विजयमल गौतम की बरात नेपाल के नवलपरासी जिले के सुस्ता नंबर पांच महलबारी में मिश्रीदास गौतम के घर पहुंची थी। लेकिन सीमा पार करने के दौरान उनकी गाड़ी को रोक दिया गया। इसके चलते दूल्हे और बरातियों को पैदल सीमा पार करनी पड़ी।
नेपाल पहुंचने के बाद उन्होंने दूसरे वाहन की मदद से विवाह स्थल तक सफर पूरा किया। विदाई के बाद, जब वे दुल्हन कंचना गौतम को लेकर लौटे, तब फिर सीमा पर गाड़ी को रोका गया। ऐसे में दूल्हे को अपनी दुल्हन को पैदल भारतीय सीमा क्षेत्र में लेकर आना पड़ा।
सामान भी पैदल सीमा पार कराया गया
विदाई में मिले सामान को भी पैदल सीमा पार करना पड़ा। बरातियों ने सामान सिर पर रखकर भारतीय सीमा तक पहुंचाया। दुल्हन के पिता रामप्रसाद ने बताया कि सीमा पर सख्ती के कारण दोनों तरफ अलग-अलग गाड़ियां तय करनी पड़ी, जिससे खर्च भी बढ़ गया।
शादी समारोहों पर बढ़ा असर
भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र के कई परिवारों के रिश्ते दोनों देशों में हैं, लेकिन हाल के दिनों में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी संदिग्धों की गतिविधियों और ऑपरेशन सिंदूर के चलते बॉर्डर पर सुरक्षा एजेंसियों ने निगरानी बढ़ा दी है।
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि शादी समारोहों के मद्देनजर दूल्हे और दुल्हन की गाड़ियों को सीमा पार करने की अनुमति दी जाए, ताकि विवाह की रस्में बिना किसी परेशानी के पूरी हो सकें।
इस मुद्दे को लेकर सीमावर्ती क्षेत्र के लोग चिंतित हैं और सरकार से समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
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