देवरिया। जिले के भागलपुर क्षेत्र में बुधवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। प्रसव पीड़ा के चलते अस्पताल लाई गई एक गर्भवती महिला ने रास्ते में एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया, लेकिन जन्म के साथ ही नवजात की मौत हो गई। इस घटना के बाद परिजनों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में जमकर हंगामा किया और लापरवाही का आरोप लगाते हुए ओपीडी बंद करा दी।
समय पर इलाज नहीं मिला, रास्ते में हुआ प्रसव
जानकारी के अनुसार, गोंडौली गांव की सुफिया खातून को बुधवार सुबह प्रसव पीड़ा होने पर परिजन भागलपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) लेकर पहुंचे। वहां तैनात एएनएम ममता यादव ने जांच के बाद महिला की हालत को गंभीर बताते हुए जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया।
एम्बुलेंस से जिला अस्पताल ले जाते समय ठेगवल दुबे गांव के पास एम्बुलेंस में ही महिला का प्रसव हो गया। साथ में मौजूद आशा कार्यकर्ता ने देखा कि नवजात मृत पैदा हुआ है।
परिजनों का हंगामा, एएनएम को बुलाने की मांग
घटना के बाद परिजन जच्चा-बच्चा सहित एम्बुलेंस को लेकर वापस PHC पहुंचे और वहां OPD बंद कराकर हंगामा करने लगे। परिजन एएनएम को बुलाने की जिद पर अड़े रहे। सूचना मिलते ही चौकी प्रभारी दीपक सिंह, हेड कांस्टेबल अरविंद कुशवाहा और PHC प्रभारी डॉ. एसके सिंह मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन जिलाधिकारी और सीएमओ से कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे।
डिप्टी सीएमओ ने लिया संज्ञान, एएनएम पर हो सकती है कार्रवाई
सूचना पर पहुंचे डिप्टी सीएमओ डॉ. राजेश कुमार ने परिजनों से बात कर एएनएम को भी मौके पर बुलवाया। उन्होंने शिकायत पत्र लेते हुए जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिया। साथ ही PHC में अव्यवस्थाओं को देखते हुए प्रभारी चिकित्सक को व्यवस्था सुधारने व साफ-सफाई के निर्देश भी दिए।
पांच घंटे बाद शुरू हुई OPD, ग्रामीणों ने लगाए बड़े आरोप
घटना के बाद पांच घंटे तक बंद रही OPD दोपहर करीब 1 बजे फिर से शुरू हुई। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर और स्टाफ समय से अस्पताल नहीं आते और मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलता।
डिप्टी सीएमओ डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि परिजनों की ओर से एएनएम पर लापरवाही का आरोप लगाया गया है, जिसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को उजागर कर दिया है। समय पर उपचार और गंभीर मरीजों की प्राथमिक जांच में लापरवाही जैसे आरोपों से सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं पर भी सवाल उठ रहे हैं। अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग दोषियों पर कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है।