देवरिया। सदर तहसील में बने स्ट्रांग रूम से 330 टैबलेट गायब होने के मामले में कस्टोडियन नायब नाजिर राकेश श्रीवास्तव की लापरवाही और अनियमितता सामने आई है। तहसीलदार कृष्ण कुमार मिश्र की तहरीर पर शनिवार को सदर कोतवाली में नायब नाजिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है, वहीं कुछ बाहरी युवकों से भी पूछताछ दूसरे दिन जारी है।
ये टैबलेट महाविद्यालयों और अन्य शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं के बीच वितरण के लिए सरकार द्वारा भेजे गए थे, जिन्हें सदर तहसील के स्ट्रांग रूम में रखा गया था। शुक्रवार को स्टॉक मिलान के दौरान करीब 38 से 40 लाख रुपये मूल्य के 330 टैबलेट गायब पाए गए, जिससे प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट श्रुति शर्मा के निर्देश पर नायब तहसीलदार शिवेंद्र कौंडिल्य द्वारा की गई जांच में, नायब नाजिर राकेश श्रीवास्तव की घोर लापरवाही उजागर हुई।
नायब नाजिर ने बयान में बताया कि 19 मई की रात किसी ने स्ट्रांग रूम का ताला तोड़ दिया था। अगले दिन सुबह उन्होंने नया ताला देखा और बिना किसी अधिकारी को सूचना दिए वह ताला तोड़कर दूसरा ताला लगा दिया। यही नहीं, उन्होंने अधिकारियों की जानकारी के बिना स्ट्रांग रूम के बाहर दूसरे कमरे में भी टैबलेट रख दिए थे।
उन पर यह आरोप है कि उन्होंने बिना सक्षम अधिकारी को सूचित किए ताला बदलकर टैबलेट के गबन की कोशिश की और 330 टैबलेट की हेराफेरी की। मामला धोखाधड़ी और सरकारी संपत्ति की गबन की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
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