सार
अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे में 275 लोगों की मौत हुई। हादसे की जांच एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) कर रहा है। गृह सचिव की अध्यक्षता में बनी समिति हादसे के कारणों की जांच करेगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए नई गाइडलाइन तैयार करेगी।
विस्तार
गुरुवार को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 275 हो गई है। हादसे की जांच अब एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इंवेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) समेत कई केंद्रीय एजेंसियां कर रही हैं। यह भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास की सबसे गंभीर दुर्घटनाओं में से एक है।
क्या हुआ था हादसे में?
एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद बी.जे. मेडिकल कॉलेज के छात्रावास और आवासीय परिसर पर गिर गई। विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर सवार थे। एयर इंडिया ने अब तक 241 यात्रियों की मौत की पुष्टि की है, जबकि ज़मीन पर मौजूद 33 लोग भी चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं। शनिवार को मलबे से एक और शव बरामद किया गया, जिसे एक एयर होस्टेस का माना जा रहा है।
AAIB कर रहा है हादसे की जांच
हादसे की जांच की कमान AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) ने संभाल ली है। यह डीजीसीए से अलग नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन एक स्वतंत्र संस्था है, जिसे विमान हादसों की जांच और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
केंद्रीय एजेंसियों का निरीक्षण और जांच टीम
10 जून को NIA और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों ने मौके का दौरा किया। अब गृह मंत्रालय ने केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की है, जिसमें नागर विमानन सचिव, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी, DGCA, BCAS, IB, IAF, FSL और गुजरात सरकार के प्रतिनिधि शामिल हैं।
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कमेटी के मुख्य कार्य:
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हादसे के कारणों की पहचान: तकनीकी गड़बड़ी, मानव त्रुटि, मौसम, सुरक्षा चूक आदि।
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सुधारों की सिफारिश करना और भविष्य के लिए SOP (Standard Operating Procedures) तैयार करना।
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बचाव कार्यों की समीक्षा और मूल्यांकन।
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पूर्व विमान हादसों का रिकॉर्ड खंगालना और मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा करना।
AAIB के अधिकार और भूमिका क्या है?
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AAIB की स्थापना 2012 में ICAO (International Civil Aviation Organization) की सिफारिश पर की गई थी।
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यह संस्था किसी भी एजेंसी या व्यक्ति से बिना अनुमति साक्ष्य जब्त कर सकती है।
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यह पूरी तरह स्वतंत्र रूप से कार्य करती है, जिससे जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।
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